अभी तक के लेखों में हम हथेली की रेखाओं के विषय में बहुत कुछ जान चुके हैं । किन्तु हथेली में सिर्फ रेखाएं ही नहीं होती हैं बल्कि बहुत सारे चिन्ह भी होते हैं । आज हम हथेली में पाए जाने वाले चिन्हों में से एक चिन्ह के बारे में बात करने जा रहे हैं और वो चिन्ह है - त्रिभुज । आज के लेख में हम जानेंगे कि हथेली में त्रिभुज कैसे बनता है ? त्रिभुज का आकार जातक को किस तरह से प्रभावित करता है ? व हथेली के किस स्थान पर पाया जाने वाला त्रिभुज जातक के लिए बहुत शुभ माना जाता है ?
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अगर हथेली पर बना त्रिभुज स्पष्ट व गहरी रेखाओं से मिलकर बना है तो ऐसा त्रिभुज चिन्ह जातक के बेहद शुभ माना जाता है।
त्रिभुज के आकार के विषय में माना जाता है कि त्रिभुज आकार में जितना बड़ा होता है , जातक को अपने आकार के अनुरूप ही अधिक लाभ प्रदान करता है।
त्रिभुज के स्थान की बात की जाए तो हथेली के बीचों बीच बना त्रिभुज जातक को बहुत उन्नतिशील बनाता है । ऐसा जातक समाज में अपना मान सम्मान स्वयं हासिल करता है।
यदि किसी जातक की हथेली पर बना त्रिभुज आकार में बहुत बड़ा हो तो ऐसा जातक सहृदय व दयावान होता है । वह किसी से द्वेष नहीं रखता बल्कि उसके साथ बुरा करने वालों को भी आसानी से क्षमा कर देता है।
अगर हथेली पर बना त्रिभुज बहुत अस्पष्ट और आकार में बहुत छोटा हो तो ऐसा जातक अपने जीवन में बहुत बड़ा नहीं सोच पाता है । अपने संकीर्ण विचारों के कारण वह बहुत अधिक सफल भी नहीं हो पाता है।
यदि हथेली में बड़े त्रिभुज के भीतर छोटा त्रिभुज बना हुआ है तो ऐसा जातक अपने कार्यक्षेत्र में बहुत ऊँचाई तक पहुँचता है।
हथेली में अगर आयु रेखा के पास त्रिभुज का चिन्ह बना होता है तो वह चिन्ह जातक की आयु में वृद्धि करता है।
अगर त्रिभुज बहुत कमजोर व अस्पष्ट रेखाओं से मिलकर बना हो और रेखाएं बीच में कटी हुई हों , तो ऐसा जातक बहुत अधिक स्वार्थ के वशीभूत होता है और अपने लाभ के लिए छल प्रपंच करने का प्रयास करता है।
यदि हथेली की स्वास्थ्य रेखा और मस्तिष्क रेखा मिलकर त्रिभुज बना रही हों तो ऐसा जातक बेहद मेधावी व प्रतिभा सम्पन्न होता है।
निष्कर्ष -
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