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अंकों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान होता है । पिछले कई लेखों में हम अंकों के महत्व पर विस्तार से चर्चा कर चुके हैं । एक वाक्य में कहा जाए तो हमारा पूरा जीवन ही अंकों पर चलता है । हमारे जीवन का हर दिन , हर महीना , हर साल अंक है । इसके पहले हम मूलांक व नामांक निकालने की विधि व उन अंकों के प्रभावों पर बात कर चुके हैं ।
आज हम व्यक्ति के जीवन से जुड़े हुए एक और महत्वपूर्ण अंक के विषय में जानने वाले हैं । वो महत्वपूर्ण अंक है - भाग्यांक । भाग्यांक क्या होता है ? भाग्यांक निकालने की विधि क्या है ? कौन से भाग्यांक कैसा फल देता है ? व सबसे शुभ भाग्यांक कौन सा है ? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर हम आज के लेख में जानेंगे ।
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भाग्यांक क्या होता है ?
हर एक व्यक्ति के जीवन में तीन महत्वपूर्ण अंक होते हैं - मूलांक , नामांक और भाग्यांक । भाग्यांक व्यक्ति के जीवन में बड़ी भूमिका निभाता है । ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति का भाग्यांक शुभ होता है उस व्यक्ति को अपने सम्पूर्ण जीवन में अपने भाग्य का बहुत साथ मिलता है । मेहनत में कहीं कमी भी रह जाए तो वह कमी भाग्य पूरी कर देता है और व्यक्ति को सफलता प्रदान करता है । इसीलिए इस अंक को चमत्कारिक अंक माना जाता है ।
भाग्यांक निकालने की विधि -
भाग्यांक निकालने की विधि बहुत आसान है । जन्म तिथि का योग करने पर जो अंक प्राप्त होता है , वही भाग्यांक कहलाता है । एक उदाहरण के माध्यम से समझ लेते हैं । मान लीजिए आपकी जन्म तिथि 15-07-1999 है । अब जन्म तिथि में आए सभी अंकों का योग करते हैं -
1+5+0+7+1+9+9+9= 41
जन्म तिथि में आए सभी अंकों का योग करने पर 41 प्राप्त हुआ है जो कि दहाई अंक है । जब कि भाग्यांक इकाई में होता है । इसलिए इकाई अंक प्राप्त करने के लिए 41 संख्या के दोनों अंकों को पुनः जोड़ देंगे ।
4+1=5
पुनः जोड़ने पर हमें 5 प्राप्त हुआ जो इकाई अंक है और ऊपर बताई गई जन्म तिथि के लिए यही भाग्यांक भी है ।
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भाग्यांक के स्वामी व फल -
अब हम क्रम से सभी भाग्यांकों के स्वामी व उनके फलों के बारे में जान लेते हैं ।
भाग्यांक 1 -
भाग्यांक 1 के स्वामी सूर्य देव हैं । सूर्य आत्मविश्वास के प्रतीक हैं । ऐसे जातक जिनका भाग्यांक 1 है ,वे अपने आत्मविश्वास से कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे ।
भाग्यांक 2-
भाग्यांक 2 के स्वामी चंद्र देव हैं । चंद्र देव हमारे मन के प्रतीक हैं ।अपने कार्यक्षेत्र में अपने मन व सामने वाले की भावनाओं का सम्मान करने से आपको अवश्य सफलता मिलेगी ।
भाग्यांक 3-
भाग्यांक 3 के स्वामी गुरु देव हैं । गुरु बुद्धि व ज्ञान के प्रतीक हैं । यदि आप बौद्धिक क्षमताओं का सही उपयोग करते हैं तो आप अवश्य सफल होंगे ।
भाग्यांक 4-
भाग्यांक 4 के स्वामी राहु देव हैं । राहु हमारे मन की एकाग्रता के सूचक हैं । भाग्यांक 4 वाले जातक एकाग्रता से कोई कार्य करते हैं तो भाग्य का पूरा साथ मिलेगा ।
भाग्यांक 5-
भाग्यांक 5 के स्वामी बुध देव हैं । बुध हमारी बुद्धि और वाणी के प्रतीक हैं। बुद्धि
व वाणी के सहयोग से जातक अपने कार्यक्षेत्र में बुलंदी छू सकता है।
भाग्यांक 6 -
भाग्यांक 6 के स्वामी शुक्र देव हैं । शुक्र वैभव व विलास के प्रतीक हैं । कार्यक्षेत्र में अपने ग्राहकों को विशेष महसूस कराने से आप व्यापार में सफल हो सकते हैं ।
भाग्यांक 7-
भाग्यांक 7 के स्वामी केतु हैं । ऐसे जातक अच्छे भाव से निश्छल हो कर कार्य करेंगे तो अवश्य सफल होंगे ।
भाग्यांक 8-
भाग्यांक 8 के स्वामी शनि देव हैं । ऐसे जातकों को कठिन परिश्रम पर ही सफलता मिल सकती है ।
भाग्यांक 9-
भाग्यांक 9 के स्वामी मंगल देव हैं । ऐसे जातकों को मांसाहार का सेवन करने से बचना चाहिए । मंगल देव की कृपा से प्राप्त आत्मविश्वास आपको कार्यक्षेत्र में सफल बनाएगा ।
निष्कर्ष -
इस प्रकार से हमने बहुत ही सरलता से भाग्यांक निकालना सीखा । साथ ही प्रत्येक भाग्यांक के स्वामी व उनसे प्राप्त होने वाले फलों का भी विश्लेषण किया ।आप अपने भाग्यांक के स्वामी की आराधना करके अपने कार्यक्षेत्र में और अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अपने भाग्यांक को सबसे चमत्कारी बना सकते हैं।
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