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                    हम सबने अपने जीवन में एक बात जरूर सुनी होगी कि ये ब्रह्मांड पंच तत्त्वों से बना है या फिर हमारा शरीर पाँच तत्वों से मिलकर बना है । लेकिन हम में से बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि पंचतत्व क्या है और ये हमारे शरीर में किस तरह से काम करता है । आज हम बात करने जा रहे हैं कि हमारे शरीर के लिए पांचों तत्व कितने महत्वपूर्ण हैं और हमारे जीवन में इनकी क्या भूमिका है ?
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अग्नि तत्व का कार्य -
सबसे पहले हम बात करेंगे अग्नि तत्व की । अन्न हमारे जीवन का सबसे सबसे उपयोगी चीज है । अन्न को पकाने में अग्नि तत्व का उपयोग किया जाता है । अब यदि अग्नि तत्व कम मिले तो खाना ठीक से नहीं पकता है या फिर कच्चा रह जाता है । वहीं अगर अग्नि तत्व की अधिकता हो जाए तो खाना जल जाता है । दोनों ही स्थितियों में ये खाना हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है । इसलिए अग्नि तत्व का संतुलन खाना पकाते समय बहुत आवश्यक होता है । अब अगर खाना सही से पक जाए और हम उसे ग्रहण कर ले तो उसके बाद का महत्वपूर्ण कार्य होता है -पाचन । खाना पचाने के लिए भी हमारे शरीर को अग्नि तत्व की आवश्यकता होती है । हमारे शरीर के अंदर का अग्नि तत्व इसमें सहायक होता है ।
पृथ्वी तत्व का कार्य -
अग्नि तत्व के बाद हम बात करेंगे पृथ्वी तत्व की । मनुष्य अपने जीवन में जो कुछ भी खाता है सब अपने मूल रूप में पृथ्वी पर ही उगाया जाता है । पृथ्वी उस अन्न के साथ हमारे शरीर के लिए बहुत सारे लाभदायक तत्व भी हमें प्रदान करती है । जिस जगह इन तत्वों की कमी होती है तो हमारे शरीर कोई व्याधि घेर लेती है । इसलिए पृथ्वी तत्व हमारे शरीर व हमारे सम्पूर्ण जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।
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वायु तत्व का कार्य -
पाँच तत्वों में तीसरा तत्व है वायु तत्व । वायु हमारे शरीर के लिए कितनी ज्यादा उपयोगी है इस बात को बताने की आवश्यकता नहीं है । हम सभी जीवित रहने के लिए सांस लेते है और सांस लेने के लिए हमें ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है जो वायु ही है ।  हम सभी वायु के बिना थोड़ी देर भी नहीं रह सकते हैं । वायु तत्व का संबंध हमारे फेफड़ों से होता है  ।
जल तत्व का कार्य -
पाँच तत्वों में चौथा तत्व है - जल तत्व । जल की महत्ता किसी से छुपी हुई नहीं है । जल हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है । पीने से लेकर , नहाने व खाना पकाने जैसी सभी क्रियाओं में हम जल का उपयोग करते हैं । कहा जाता है कि जल ही जीवन है । शरीर में जल की कमी होने पर चिकित्सा की आवश्यकता पड़ती है । इससे हम मानव जीवन में जल तत्व की उपयोगिता समझ सकते हैं ।
आकाश तत्व का कार्य -
पाँचवाँ और अंतिम तत्व है - आकाश तत्व । आकाश तत्व को समझना थोड़ा जटिल काम है । आकाश तत्व का अर्थ है शून्य । अब आप सोच रहे होंगे कि शून्य का हमारे शरीर से क्या लेना देना है । शून्य का अर्थ हम रिक्तता या खाली जगह से ले सकते हैं । अब जब हमारे शरीर में खाली स्थान होता है तभी हम अन्न ग्रहण कर पाते हैं , जल पी पाते हैं या सांस ले पाते हैं । इसलिए आकाश तत्व का भी हमारे शरीर में महत्वपूर्ण योगदान है ।
निष्कर्ष -
इस प्रकार से पांचों तत्व आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । इनमें से कोई भी तत्व अगर हमारे शरीर से निकल जाए तो हमारा जीवन खतरे में पड़ सकता है
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