Views: 650
त्रिफला को सामान्यतः पाचन क्रिया से संबंधित समस्या में लाभकारी माना जाता है किन्तु आयुर्वेद में त्रिफला के अनगिनत फायदे बताए गए हैं। सिर से लेकर पैर तक होने वाली अनेक समस्याओं का हल त्रिफला के पास है ।
क्या आप एक स्वस्थ जीवन शैली चाहते हैं? हमारे आयुर्वेद विशेषज्ञ से ऑनलाइन परामर्श करें और अपनी समस्याओं का सर्वोत्तम समाधान प्राप्त करें।
इस लेख में हम जानने वाले हैं कि आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला हमारे शरीर के लिए कितना लाभकारी है ? त्रिफला के सेवन से हम कौन कौन सी बीमारियों से मुक्ति मिलती है ? इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि त्रिफला के सेवन का सही समय क्या होता है व इसका सेवन किस मात्रा में करना चाहिए ?
त्रिफला क्या होता है ?
त्रिफला का शाब्दिक अर्थ है - तीन फलों से मिल कर बना हुआ यानि तीन फलों को मिलकर बने फल को त्रिफला कहा जाता है । इससे यह स्पष्ट हो गया कि त्रिफला तीन फलों से मिलकर बना होता है । वो तीन फल निम्नलिखित हैं -
- - हरड़
- - बहेड़ा
- - आँवला
- हरड़ , बहेड़ा व आँवला के मेल से त्रिफला बनता है । त्रिफला को आयुर्वेद में सभी रोगों का नाश करने वाली औषधि बताया गया है ।
यह भी पढ़ें:- जानिए आयुर्वेद के अनुसार पंचकर्म क्या है ?
त्रिफला बनाने की विधि -
त्रिफला बनाने की आयुर्वेद में बहुत आसान विधि बताई गई है । इसके लिए ऊपर बताए गए तीनों फलों हरड़ , बहेड़ा व आंवला को समान मात्रा में लें । तीनों फलों के बीज निकाल कर उनके छोटे छोटे टुकड़े कर लें । इसके बाद छोटे छोटे टुकड़ों को अच्छे से पीस लें । पीसने के पश्चात उसे छानकर एक साफ सुथरे कांच के डिब्बे में भर लें ।
आयुर्वेद में बताए गए त्रिफला के औषधीय गुण -
आयुर्वेद में त्रिफला के अनेक गुण बताए गए हैं । कुछ प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं -
- आयुर्वेद में छह रस माने गए हैं , मीठा ,खट्टा ,खारा,कड़वा, कसैला और नमकीन । इन छह रसों में से नमकीन के अलावा अन्य सभी रस हरड़ व आँवला में पाए जाते हैं ।
- त्रिफला औषधि हमारे शरीर के पित्त दोष व वात दोष को कम करती है । इसके अलावा यह शरीर की साँस को भी नियंत्रित करके उसे सही दिशा में पहुँचाने का कार्य करती है ।
- शरीर की सातों धातुओं रस, रक्त , मांस ,मेद , अस्थि , मज्जा , शुक्र पर भी त्रिफला का असर होता है ।
विभिन्न बीमारियों में त्रिफला का सेवन कैसे करें ?
त्रिफला हमारे शरीर की बहुत सारी बीमारियों में लाभप्रद होती है । आइए जानते हैं कि कुछ प्रमुख बीमारियों में त्रिफला का सेवन कैसे किया जाता है -
- आँखों से संबंधित समस्या के लिए त्रिफला बहुत लाभकारी है । इसके लिए हरण ,बहेड़ा व आँवला को 1:2:3 के अनुपात में रखना चाहिए ।इस चूर्ण को एक चम्मच शहद व आधा चम्मच घी के साथ सेवन करना चाहिए । इससे आँखों की समस्या में बहुत जल्दी राहत मिलती है ।
- सुबह के समय त्रिफला के चूर्ण को 2 से 3 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लेने से डाइबिटीज में काफी राहत मिलती है ।
- वजन कम करने के लिए भी त्रिफला का चूर्ण बहुत लाभकरी माना गया है । सुबह के समय 1 से 2 चम्मच चूर्ण शहद के साथ लेने से शरीर में मोटापे की समस्या से निजात मिलती है ।
- पाचन से संबंधित समस्या के लिए यह औषधि अमृत के समान कार्य करती है । इसके लिए आप सोने से पहले 1 से 2 चम्मच त्रिफला चूर्ण गरम पानी के साथ ले सकते हैं ।
- त्वचा से संबंधित रोगों जैसे फोड़ा , फुंसी या कहीं पर चोट लगना आदि के लिए भी त्रिफला बहुत लाभकारी है । इसका काढ़ा बनाकर घाव पर लगाने से घाव में जल्दी आराम मिल जाता है ।
निष्कर्ष -इस प्रकार से हमने आयुर्वेद में बताए गए त्रिफला के औषधीय गुणों का विश्लेषण किया । आप भी अपनी दैनिक चर्या में त्रिफला का सेवन करके कई बीमारियों से बच सकते हैं ।क्या आप ज्योतिष सीखना चाहते हैं? क्या आप ज्योतिष के बारे में सब कुछ सीखना चाहते हैं और यह आपकी मदद कैसे कर सकता है? यदि हां, तो यह आपके लिए सही कोर्स है! ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम के साथ ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम, हस्तरेखा पढ़ना और चिकित्सा ज्योतिष को कुशलता से सीखें और भविष्य के लिए भविष्यवाणी शुरू करें! अभी नामांकन करें और विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ज्योतिष सीखना शुरू करें।
यह भी पढ़ें:- आयुर्वेद की मदद से अपने मन को जानें !