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औषधि में उपयोग आने वाले पौधे
हम सबने अपने जीवन में किसी ना किसी औषधीय पौधे का उपयोग किया होगा या फिर नाम तो अवश्य सुना होगा। आयुर्वेद में बहुत सारे औषधीय गुणों वाले पौधे बताए गए हैं । इन्हीं में एक है - अपराजिता । अपराजिता के पौधे में भरपूर औषधीय गुण पाए जाते हैं । आज हम आयुर्वेद में अपराजिता के महत्व व इसके औषधीय लाभों के बारे में विस्तार से बात करने वाले हैं ।
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अपराजिता क्या है?
अपराजिता बेल की तरह झाड़ीदार पौधा है जिसको आयुर्वेद में औषधीय दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है । अपराजिता का शाब्दिक अर्थ होता है जो कभी पराजित ना हो । अपराजिता अपने नाम के अर्थ को पूरी तरह चरितार्थ करता है । यह मानव शरीर के अधिकांश विकारों में औषधि के रूप में कार्य करता है । अपराजिता के फूलों का ज्योतिष में बहुत महत्व है , इस विषय पर हम किसी अन्य लेख में विस्तार से बात करेंगे ।
वैसे तो अपराजिता का पूरा पौधा ही शारीरिक उपचार के काम आता है किन्तु औषधीय दृष्टि से इस पौधे की जड़ सबसे लाभकारी मानी गई है ।
अपराजिता के पौधे के लाभ -
अपराजिता के पौधे के कई लाभ हैं । कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं -
- अपराजिता हमारे शरीर के वात दोष , पित्त दोष व कफ दोष से मुक्ति दिलाता है ।
- सांस संबंधी तकलीफ व पीलिया होने पर अपराजिता का पौधा शीघ्रता से लाभ प्रदान करता है ।
- शरीर के किसी भी भाग में होने वाली सूजन के लिए अपराजिता बहुत लाभप्रद माना गया है ।
- सिर दर्द , ताप , शरीर में दाग इन सबके लिए अपराजिता का पौधा बहुत उपयोगी माना गया है ।
- आज के समय में पेट में पथरी होना बहुत सामान्य है । पथरी होने पर अपराजिता का उपयोग अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा ।
- मूत्र संबंधी विकारों के लिए भी अपराजिता के पौधे को अत्यंत लाभकारी बताया गया है ।
अगर एक वाक्य में कहा जाए तो अपराजिता के पौधे से सामान्य से लेकर गंभीर सभी तरह की बीमारियों का उपचार किया जा सकता है ।
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अपराजिता में पाए जाने वाले पोषक तत्व -
इस पौधे में वैसे तो बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं किन्तु मुख्य पोषक तत्वों की बात की जाए तो उसमें कैल्शियम , पोटेसियम , आयरन , जस्ता आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं । इसके अलावा सोडियम व अन्य कई विटामिन भी अपराजिता के पौधे में पाए जाते हैं ।
प्रमुख विकारों में अपराजिता का उपयोग -
हर एक विकार से बचने के लिए अपराजिता का अलग अलग तरीके से सेवन किया जाता है । कुछ प्रमुख विकारों में अपराजिता का उपयोग निम्नलिखित है-
- सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए अपराजिता की फली के रस का सुबह खाली पेट सेवन करें । ऐसा करने से आप निश्चित रूप से सिर दर्द से छुटकारा पा सकेंगे ।
- अपराजिता का सेवन हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में हमारी मदद करता है
- भोजन के पश्चात अपराजिता के पत्तों की चाय बनाकर पीने से मधुमेह जैसी बीमारी से राहत मिलती है ।
- अपराजिता की जड़ को पीसकर उसका लेप लगाने से शरीर के दाग धब्बों से छुटकारा मिलता है ।
- अपराजिता की जड़ को पीसकर सुबह शाम पीने से दस से पंद्रह दिन में पथरी कट कर बाहर निकल जाती है ।
- अपराजिता के बीजों को भूनकर उसके चूर्ण का दिन में दो बार सेवन करने से पीलिया में लाभ मिलता है ।
- अपराजिता के दस ग्राम पत्तों को पानी में उबालकर गरारा करने से गले संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है ।
विभिन्न विकारों से छुटकारा पाने के लिए इस प्रकार से अपराजिता की जड़, पत्तों व बीजों का प्रयोग किया जाता है ।
निष्कर्ष -
इस प्रकार से हमने अपराजिता के औषधीय गुणों को विस्तार से समझने के साथ ही विभिन्न विकारों में अलग अलग उपयोग विधि के बारे में भी जाना । कौन से विकार में अपराजिता की कितनी मात्रा का सेवन करना है, यह व्यक्ति की आयु व रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है । इसलिए इसके सेवन से पहले किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें ।
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