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पिछले लेख में हमने पुखराज रत्न से संबंधित सभी पहलुओं का विस्तार से विश्लेषण किया। उसी क्रम में आज हम नीलम रत्न के विषय में बात करने जा रहे हैं। नीलम रत्न शनि देव का रत्न माना जाता है।
आज के लेख में हम जानेंगे कि नीलम रत्न किन जातकों को धारण करना चाहिए? इसे धारण करने के लिए शुभ धातु व शुभ उंगली कौन सी है? साथ ही यह भी जानेंगे कि नीलम रत्न पहनने से जातक को क्या लाभ होता है?
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नीलम रत्न किन जातकों को धारण करना चाहिए?
रत्न धारण करने से पहले अपनी जन्म कुंडली का सम्पूर्ण विश्लेषण कर लेना बहुत जरूरी है। जिन जातकों की जन्म कुंडली में शनि योग कारक ग्रह हैं, वे इस रत्न को धारण कर सकते हैं। अगर जन्म कुंडली में शनि देव आपको लाभ पहुंचा रहे हैं तो उन्हे बल प्रदान करने के लिए नीलम रत्न धारण करना उपयुक्त माना जाता है। लेकिन यहाँ पर इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि अगर आपकी जन्म कुंडली में शनि मारक ग्रह के रूप में उपस्थित हैं तो आपको भूल से भी नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा शनि के बलशाली होने पर आपको अत्यधिक कष्ट उठाना पड़ सकता है।
नीलम रत्न धारण करने के फायदे -
नीलम रत्न धारण करने से कई लाभ होते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं -
- नीलम रत्न धारण करने से जन्म कुंडली में शनि देव की स्थिति मजबूत हो जाती है। शनि के बलशाली होने पर जातक को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना बहुत कम करना पड़ता है। इसलिए स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए नीलम रत्न धारण किया जाता है।
- अगर आप शनि देव से जुड़े हुए किसी कार्यक्षेत्र जैसे भूमि भवन का क्षेत्र , में सक्रिय हैं, तो नीलम रत्न पहनने से आपको अपने कार्यक्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त होगी।
- उद्योग क्षेत्र से जुड़े हुए जातकों को भी नीलम रत्न पहनने से अपने व्यवसाय में धन लाभ होता है।
- शनि वास्तु दोष को दूर करने का काम भी करते हैं। नीलम रत्न पहनने से जातक के घर को वास्तु दोष से मुक्ति मिल जाती है। भवन निर्माण के कारक ग्रह होने के कारण शनि देव भवन संबंधी सभीसमस्याओं का निवारण करते हैं।
- शनि को न्याय का देवता माना जाता है। अगर आप किसी ऐसे विवाद में फंसे हुए हैं जहाँ आपको न्याय नहीं मिल पा रहा है तो नीलम रत्न अवश्य धारण करें। नीलम रत्न धारण करने से किसी भी न्यायिक प्रक्रिया में जातक की विजय होगी।
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नीलम रत्न धारण करने के लिए शुभ धातु-
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव के रत्न नीलम को धारण करने के लिए पंच धातु सर्वाधिक शुभ मानी गई है। पंच धातुओं में सोना, चाँदी, तांबा, जस्ता व लोहा शामिल होता है। इसके अलावा आप नीलम रत्न को स्वर्ण धातु के साथ भी धारण कर सकते हैं। इन धातुओं के साथ नीलम रत्न धारण करने से जातक सम्पूर्ण फल प्राप्त करने में सफल रहता है।
नीलम रत्न धारण करने के लिए शुभ उंगली-
ज्योतिष में नीलम रत्न को धारण करने के लिए बीच वाली उंगली यानि मध्यमा उंगली को शुभ माना जाता है। पुरुषों के लिए दायें हाथ की मध्यमा उंगली में तो वही महिलाओं के लिए बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में, नीलम रत्न धारण करना शुभ माना गया है।
नीलम रत्न धारण करने का शुभ मुहूर्त-
नीलम रत्न धारण करने के लिए कृष्ण पक्ष के शनिवार को बेहद शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष-
इस प्रकार से हमने जाना कि जन्म कुंडली में शनि देव को बल प्रदान करने के लिए नीलम रत्न पहना जाता है।
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