ज्योतिष शास्त्र में जिस तरह जन्म तिथि के आधार पर व्यक्ति का भविष्य आँका जाता है उसी तरह किसी देश का भविष्य उसकी आजादी के दिन और उसके सविधान शुरू होने के समय के आधार पर होता है। भारत का भविष्य आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 के आधार आँका जाता है। भारतवर्ष का भविष्य ज्योतिष शास्र के अनुसार 15 अगस्त 1947, रात के 23।59 मिनट तथा गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को 10।19 बजे के पर देखा जाता है। दोनों तिथियों के आधार पर भारत का भविष्य आँका जा सकता है।
सबसे पहले 15-8- 1947 जो हमारी आजादी का दिन है का योग किया जाए तो कुल मिलकर अंक निकलेगा1970 और अब इसका योग होगा 17 और अब इसका योग 8 होगा। इसी तरह रिपब्लिक डे यानी गणतंत्र दिवस की तिथि 26-1-2015 है जिस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। इसका योग करने पर हमे 2042 प्राप्त होगा, अब इसका योग करने पर 8 अंक आएगा।
ज्योतिष अनुसार इस साल भी भारत पर चन्द्रमा की महादशा रहेगी। चन्द्रमा ग्रह को एक सौम्य कारण ग्रह माना जाता है। इस समय भारत की कुंडली का आंकलन किया जाए तो इस वक्त चन्द्रमाँ पराक्रम भाव में विराजित हैं। इस योग से भारत देश के प्रशासक देश की उन्नति के लिए भरपूर परिश्रम करेंगे। इस वक्त बुद्ध और चंद्रमा का प्रत्यान्तर हो रहा है और ये परस्पर विरोधी ग्रह हैं। इस योग की वजह से देश की जानता को सेहत से जुडी परेशानियाँ हो सकती हैं या प्राकर्तिक प्रकोप या महामारी देश को परेशानी कर सकती है।
देश की इकोनोमी, व्यापार में सुधार होगा और देश की वृद्धि दर भी बढ़ सकती है । देश आयात और निर्यात में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करते हुए आगे बढेगा, हालांकि इसमें कुछ दिक्कते आ सकती हैं।
कई देश भारत पर अपने फायदे के लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से ज्यादा से ज्यादा दबाव डालने की पूरी कोशिश करेगे लेकिन भारत अपनी सूझबुझ से और अपनी कुशल कूटनीतिक नीतियों से विश्व शक्तियों को अपनी तरह करने, उन्हें मनाने में और अपने काम को आगे की बढ़ाने में सफलता हासिल करेगा।
ज्योतिष के अनुसार कोरोना की स्थिति में सुधार हो सकता है लेकिन देशवासियों को सचेत रहने की जरुरत है खासकर जून से लेकर नवंम्बर तक सावधान रहने की जरुरत है। ऐसी भी सम्भावना है कि कोरोना का एक और वेरियंट आ सकता है। अत: सावधान रहे।
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16 मार्च से राहू का कुप्रभाव कम हुआ है। इसका अर्थ है उच्च राशियों से राहू हट गए हैं इस आधार पर जनता को सामजिक और राजनितिक परिदृश्य से राहत महसूस हो सकती है। 11 अप्रैल को गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत हो गयी है जिससे भारत की उन्नति में अपना सहयोग देने वालो की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ जाएगी। साथ ही देश का प्रशासक वर्ग भी सक्रिय होकर देश के विकास में काम के लग जाएगा। धर्म और कर्म की बात करे तो इसमें भी गुणात्मक सुधार की सम्भावना है। 28 अप्रैल से कुम्भ राशी में शनि आ गए हैं और ये यहाँ पर कम से कम 2.5 साल रहेगे। इसके प्रभाव से देश का व्यापार उन्नति करेगा और देश को आगे बढ़ाने का बुनियादी ढांचा तैयार होगा। केतु चंद्रमा में जून जुलाई में आ गया है। केतु ग्रह को पताका ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। इसके चलते देश की व्यवसायिक गतिविधियाँ में बहुत तेजी आएगी।
देश में राजनितिक उठापठक, आरोप प्रत्यरोप और अविश्वास की स्थिति बन सकती है। भारत के दक्षिणी भाग में प्राकर्तिक आपदाएं आ सकती है। वही भारत के उत्तर पश्चिम भाग में कुछ विदेश ताकते देश के लिए कुछ परेशानियाँ खड़ी करने की कोशिश कर सकती हैं। पंजाब और कश्मीर में भारत के विरोध वाली विदेशी शक्तियां सक्रिय हो सकती हैं।वो भारत के अंदरूनी मामलो में हस्तक्षेप कर सकते हैं। वर्तमान सरकार को इससे निपटने के लिए कुछ कार्य योजना बनानी होगी ताकि ये विरोधी विदेशी ताकते अपने मकसद में कामयाब न हो पे।
इस साल भारत के सामने कई चुनौतियाँ आ सकती हैं और भारत इन सभी का सामना करते हुए अपनी पहचान और साख बनाए रखने में सफलता हासिल करेगा। भारत को अपने पडोसी देश पाकिस्तान, चीन, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल से परेशानी झेलनी पड़ सकती है। पडोसी देश विदेशी ताकतों के साथ सांझा करके अप्रत्यक्ष रुप से भारत को नुक्सान पहुचाने की कोशिश करेगे। अत: भारत को अपने पडोसी देश पाकिस्तान और चीन से सावधान रहने की जरुरत है।
भारतवर्ष में तेजी से घरेलु उत्पाद में वृद्धि होगी और ये कई सालो तक चलता रहेगा। सामाजिक क्षेत्रो, सरकारी क्षेत्रो और राजनितिक क्षेत्रो में बैठे असामाजिक तत्व अपनी कुटिल चाले चलेगे और देश को कमजोर बनाने की कोशिश करेगे।
चंद्रमा ग्रह शुभ ग्रह है लेकिन इसमें केतु के प्रवेश करने से कुछ अराजक और अशुभ तत्व देश की शासन सत्ता पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर सकते हैं हालांकि चन्द्रमा के प्रभाव से स्थितियाँ नियन्त्रण में बनी रहेगी। देश में देश भक्ति की लहर अभी भी बरकरार रहेगी। लोगो में धार्मिक और सामाजिक विषमता फैलाने के उनके प्रयास विफल होंगे।
वर्तमान सरकार कई योजनाएं चलाएंगी जो देश की जनता के लिए कल्याणकारी होगी। इसमें सफलता मिलेगी लेकिन शनि और केतु के कारण कुछ असामाजिक तत्व इनके सम्बन्ध में भ्रम फ़ैलाने की चेष्टा कर सकते हैं। असामजिक तत्व जाति और वर्ग के नाम पर सरकर को बदनाम करने की कोशिश कर सकते हैं । भारत की कुंडली में क्रूर ग्रहों के दुष्प्रभाव के कारण उन्हें कुछ सफलता मिल सकती है लेकिन अन्य शुभ ग्रहों और सूर्य और गुरु ग्रह के मजबूत होने के कारण सरकार पर जनता का भरोसा बना रहेगा। सरकार देश के हर क्षेत्र की उन्नति और विकास करने का प्रयास करेगी और उसमे सफल भी होगी।
रोजगार जैसी गंभीर परेशानी सरकार को परेशान कर सकती है और लेकिन शुभ ग्रहों के अच्छे प्रभाव से वो लोगो के बीच फैली भ्रांतियों को दूर कर पाएगे और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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