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जब भी हम अपना घर बनाते हैं उसके हर कोने को बेस्ट बनवाना चाहते हैं चाहे वो आँगन हो या हॉल या किचन या घर की सीढियाँ। हमे सब बेस्ट और डिज़ाइनर चाहिए होता है। हमे हमारे घर को भी हमारी तरह मॉडर्न लुक चाहिए ऐसे में हम घर में आड़ी टेडी सीढियां बनाना देते हैं जो वास्तु के अनुसार सही नही होती है। वास्तु अनुसार यदि सीढियाँ सही तरह से और सही दिशा में बनाई जाए तो ये वास्तु लाभ आपके जीवन में बहुत तरक्की ला सकता है। ऐसे ही अगर वास्तु अनुसार सीढियां गलत तरीके से और गलत दिशा में बनाई गयी हो तो व्यक्ति को बहुत नुक्सान हो सकता है। आज की इस पोस्ट में हम आपको घर में सीढियां कैसी होनी चाहिए वो बताने वाले हैं, इसलिए पोस्ट के अंत तक बने रहे।
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सीढियां कैसी होनी चाहिए
- वास्तु अनुसार सीढियां हमेशा दक्षिण दिशा या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए, ये उस घर में रहने वाले लोगो के लिए शुभ होता है। वास्तु में ये भी कहा गया है कि जब भी घर की सीढियों में कोई घुमाव दिया जाए उसकी दिशा दक्षिण होनी चाहिए।
- जब भी घर में सीढियां बनवाए उसकी संख्या विषम होनी चाहिए जैसे 3,5,7 आदि।
- इस बात का ख़ास ख्याल रहे कि सीढ़ी के नीचे फालतू का कबाड़, जूते चप्पल नही रखना चाहिए। ऐसा करना घर के मुख्य शख्स अर्थात मुखिया के लिए अशुभ होगा। सीढ़ी को पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण की और बनाना चाहिए।
- यदि पहले से ही घर की सीढियाँ पूर्व या उत्तर दिशा में है तो वास्तु दोष को कम या खत्म करने के लिए आप एक कमरा दक्षिण पश्चिम दिशा में तैयार करवा ले।
- यदि जगह की वजह से या किसी और वजह से आपको सीढियां पूर्व दिशा में बनवानी पड़ रही है तो आप इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि आपकी ये सीढियां पूर्व दिशा में बनी दीवार को नही छूनी चाहिए। दीवार और सीढियों में कम से कम 3 इंच की दूरी होनी चाहिए।
- कुछ लोग स्टाइल के चलते सीढियों में रेल्लिंग नही लगाते। ऐसा नही करना चाहिए।
- वास्तु अनुसार जहाँ से सीढ़ी शुरू हो रही है वहां उसका आकर गोलाई या त्रिकोनात्मक नही होना चाहिए।
- यदि आप पहले से बने बनाए घर में रह रहे हैं और आपके घर की सीढियां वास्तु अनुसार नही है तो आप वास्तु दोष हटा सकते हैं। इसके लिए आपको एक मिटटी का कलश चाहिए। इसमें आप बारिश का पानी भरे और ढक्कन लगाकर जमीन में गाड दें।ऐसा नही कर सकते हैं तो छत पर पक्षियों के लिए मिट्टी के दो छोटे छोटे बर्तन रखे। एक में आपको सतनाजा रखना है और एक में पानी। इस उपाय से गलत दिशा में बनी सीढ़ी का वास्तु दोष खत्म हो जाता है।
- वास्तु अनुसार घर में प्रवेश करते समय सबसे पहले सीढियां नही होनी चाहिए।
- घर के मध्य में भी सीढियां नही होनी चाहिए।
- किचन कभी भी सीढियों के नीच न बनवाएँ।अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको आर्थिक नुक्सान हो सकता है।
- सीढियों के नीचे कभी भी पानी से जुडी चीज या एक्वेरियम न रखे।
- सीढियाँ चौड़ी बनवानी चाहिए, छोटी और तंग सीढियां वास्तु अनुसार सही नही होती है।
- सीढियों को मॉडर्न लुक देने के लिए लाल रंग से न रंगे, ये वास्तु अनुसार ठीक नही है।
- वास्तु अनुसार सीढियों के नीचे स्टोर रूम बनवाया जा सकता है लेकिन उसका हर समय साफ़ सुथरा रहना और व्यवस्थित रहना जरुरी है। बिखरा और गन्दा स्टोर रूम नकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करेगा।
- घर के साथ साथ रोज सीढियों के नीचे भी सफाई करना जरुरी है। वहां पर कभी भी कूड़ादान नही रखना चाहिए। साफ़ रहेगा तो घर में मच्छर और मक्खियाँ नही होगी और नकारात्मकता भी नही होगी।
- पूजा घर एक पवित्र स्थान होता है और वो साफ़ सुथरी और सही जगह पर होना चाहिए। भूलकर भी कभी भी सीढियों के नीचे मंदिर न बनवाएँ, ये वास्तु अनुसार अशुभ होता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे आर्थिक हानि उठाने पड़ती है।
- एक बात का ख़ास ध्यान रखे कि सीढियों के नीचे कभी भी अँधेरा नही होना चाहिए। वहां एक छोटा सा बल्ब जरुर लगाकर रखे। वहां अँधेरा होना वास्तु अनुसार अच्छा नही होता है।
- यदि सीढियां ख़राब या टूट गयी है तो उसे ठीक करवाएं । टूटी हुई या दरार पड़ी सीढियां वास्तु अनुसार सही नही होती है।
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