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घर बनाते वक्त हम घर के हर कोने को बड़े ही प्यार से और बहुत सोच समझकर बनवाते हैं। घर के सभी कमरे, किचन, मंदिर के साथ साथ एक और चीज को सोच समझकर बनवाना चाहिए और वो है सेप्टिक टैंक। ज्यादातर लोग इसे बनवाते समय कुछ ज्यादा ध्यान नही देते हैं लेकिन वास्तु अनुसार इसे भी सही दिशा में बनवाना बेहद जरुरी है। वास्तु में सेप्टिक टैंक बनवाने के कुछ नियम बताएं गए हैं।
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वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में बने सेप्टिक टैंक में बहुत लम्बे टाइम तक नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और यदि इस टैंक को सही जगह पर न बनाया गया तो इसका असर घर की सकारात्मक ऊर्जा पर पड़ता है। यदि ऐसा किसी घर में होता है तो वहां रहने वाले सभी लोग बहुत सारी परेशानियों से हमेशा घिरे रहते हैं। घरवालो को इस परेशानी से बचाया जा सकता है अगर सेप्टिक टैंक को भी वास्तु के अनुसार ही बनवाया गया हो।
सेप्टिक टैंक का स्थान कैसा होना चाहिए
जब भी सेप्टिक टैंक बनवाएं कुछ प्रमुख सावधानियां जरुर बरते। सेप्टिक टैंक जमीन को खोदकर बनाया जाता है और इसका सही तरह से निष्पादन जरुरी है। यदि इसके निष्पादन को नज़रअंदाज किया गया तो वास्तु दोष के कारण व्यक्ति को संपत्ति से जुडी परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती हैं। वास्तु अनुसार यदि किसी घर में वास्तु दोष होता है तो वहां के लोग वित्त, सेहत और रिश्तो सम्बन्धी समस्याओ से घिर जाते हैं इसलिए ये बहुत जरुरी है कि सेप्टिक टैंक को भी सही स्थान पर बनवाया जाए। कौन सी दिशा इसके लिए सही होगी ये निम्न दिए नियमो से आपको पता चलेगा और यदि आप अपने घर की दिशा के बारे में कुछ नही समझ पा रहे तो आप हमारे एक्सपर्ट वास्तु विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
सेप्टिक टैंक की सही दिशा क्या होनी चाहिए
- सेप्टिक टैंक हमेशा उत्तर-पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए। वास्तु अनुसार घर की दिशा चाहिए पश्चिम हो या पूर्व इस बात का सेप्टिक टैंक के स्थान से कोई मतलब नही है,इसलिए जब भी सेप्टिक टैंक बनवाएं उत्तर पश्चिम दिशा में ही बनवाएँ। सेप्टिक टैंक कभी भी दक्षिण पूर्व, दक्षिण या दक्षिण पश्चिम दिशा में नही बनना चाहिए। वास्तु अनुसार ये दिशाएँ इसके लिए अशुभ हैं। यदि इन स्थानों पर सेप्टिक टैंक बनवाया गया तो व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और उसे आर्थिक हानि भी हो सकती है।
- वास्तु अनुसार सेप्टिक टैंक उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व दिशा में नही होना चाहिए। ये भी इसके लिए अशुभ दिशाएँ हैं। यदि इस दिशा में व्यक्ति ने सेप्टिक टैंक बनवाया तो उसके व्यापार पर बुरा असर पड़ सकता है और उसे उसमें मौद्रिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
- घर का सेप्टिक टैंक घर से कम से कम 2 फीट दूर होना चाहिए। इसे बनवाते वक्त ध्यान रहे कि उसकी लम्बाई (length) पूर्व-पश्चिम अक्ष और चौड़ाई (Width) उत्तर-दक्षिण अक्ष पर होनी चाहिए। साथ ही ये भी ध्यान रखे कि सेप्टिक टैंक से पश्चिम दिशा से ठोस अपशिष्ट और पूर्व दिशा से तरल भाग निकले।
- सेप्टिक टैंक से जुड़े किसी भी वास्तु दोष से बचने के लिए इस बात पर ध्यान दे यदि सेप्टिक टैंक में कोई दरार आ गई है या टूट गयी है या लीक हो रही है तो तुरंत ही उसकी पाइप लाइन को ठीक करवा लें या उसको बदलवा लें।
- इस बात का भी विशेष ध्यान रखे कि बाथरूम और शौचालय से निकल रही पाइपलाइन आउटलेट उत्तर पश्चिम दिशा या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
- वास्तु अनुसार घर की किचन की पाइपलाइन आउटलेट पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
- वास्तु अनुसार व्यक्ति को ड्रेनेज पाइपलाइन कभी भी घर के दक्षिणी दिशा में नही बनवाना चाहिए। यदि किसी कारण पाइपलाइन दक्षिण दिशा की ओर है तो उसे पूर्व, उत्तर, पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में मोड़ दे दें।
- ऊपरी मंज़िलों के यहाँ से निकलने वाला गन्दा पानी और ड्रेनेज सिस्टम भूलकर भी दक्षिण पश्चिम दिशा में न बनवाएं।
हमने आपको सेप्टिक टैंक के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है और उम्मीद करते हैं कि जब भी आप अपने लिए घर बनवाएँगे आप वास्तु नियमो का पूरी तरह से पालन करेंगे और यदि आप पहले से बने हुए घर में शिफ्ट हो रहे हैं तो सेप्टिक टैंक के वास्तु नियमो को ध्यान से चेक कर लें और यदि आपको शिफ्ट होने के बाद इन नियमो की जानकारी मिली है और आप वास्तु दोष से बचना चाहते हैं तो सेप्टिक टैंक सही दिशा में करवा सकते हैं या हमारे अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
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