INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

हर्निया क्या होता है? इसके प्रकार, लक्षण और आयुर्वेदक इलाज

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 553
हर्निया क्या होता है? इसके प्रकार, लक्षण और आयुर्वेदक इलाज

हर्निया एक ऐसी बीमारी है जो खतरनाक नही है लेकिन ये बीमारी बिना इलाज के ठीक भी नही होती है।  हर्निया बीमारी तब होती है जब कोई टिश्यू या अंग बॉडी के किसी छेद से उभरकर बड़ी होने लगती है और बाहर आ जाती है।  ये बीमारी नाभि, जांघ के ऊपर या कमर में हो सकती है।  ये बीमारी महिलाओ, पुरषों और बच्चो सभो को  हो सकती है। 

क्या आप ऑनलाइन सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी की तलाश कर रहे हैं? हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा ज्योतिष परामर्श के लिए अभी संपर्क करें।

जिस व्यक्ति को हर्निया हो जाता है उसे खांसने और खड़े होने में बहुत दिक्कत होती है क्योकि इस बीमारी के चलते मांसपेशियां कमजोर हो जाती है।  हर्निया बीमारी है  ये तो सब जानते हैं लेकिन ये क्या है या इसके लक्ष्ण क्या है और क्या इसका आयुर्वेद में इलाज है ये सब नही जाते हैं।  उनकी इसी जानकारी को पूरा करने के लिए हमने आज ये पोस्ट तैयार की है।  


हर्निया क्या है ? (What is Hernia)


हर्निया एक बीमारी है जिसमे मांसपेशी या कोई टिश्यू या कोई आंत किसी छेद से बाहर आ जाती है। उदाहरण :एक व्यक्ति की आंतो की दीवार कमजोर है तो कई बार आंत उसमे छेद करके बाहर आने लगती है।  ये बीमारी दिखाई नही देती है लेकिन जब इसमें दर्द उठता है तो बहुत ज्यादा होता है।   वैसे तो हर्निया जानलेना बीमारी नही है लेकिन ध्यान न दें पर या कुछ जटिलताएँ आने पर व्यक्ति को सर्जरी करानी पड सकती है। 


हर्निया के प्रकार और आयुर्वेदिक इलाज (Ayurveda Treatment for Hernia)


वेक्षणहर्निया ( Inguinal Hernia)


इस हर्निया में यदि आंत कमजोर पेट के नीचे वाले हिस्से या कमजोर रास्ते से बाहर आ जाए तो इस तरह का हर्निया होता है।   ज्यादातर लोगो को इस प्रकार की हर्निया होती है। 


नाभिहर्निया (Umbilical Hernia)


इस तरह का पैदा हुए बच्चो या 6 महीने तक के बच्चो को होता है।  ऐसा तब होता है जब बच्चो की आंते पेट के नाभि वाले हिस्से के पास से बाहर निकल आती हैं।  जब बच्चा रोता है तब ये हर्निया देखा जा सकता है।  वैसे तो ये अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन ठीक नही होने पर इसे सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जाता है। 


जघनास्थिकहर्निया (Familial Hernia)


इस प्रकार का हरियां ज्यादातर महिलाओं में होता है।  ये जांघ के ऊपर वाले हिस्से में होता है।  इस तरह के हर्निया में खाँसने के समय बहुत दर्द होता है। 


हर्निया के लक्षण


हर्निया पेट की मांसपेशियों और दीवार को कमजोर कर देता है।  ये पेट के नीचे वाले हिस्से में गाँठ जैसी दिखती है।  जब कोई सामान उठाया जाता है तब व्यक्ति को तेज दर्द होता है।  इस बीमारी में उसे खड़े होने या स्ट्रेस झेलने में मुश्किल होती है।  इसके अलावा व्यक्ति को जी मिचलाना, दर्द और उल्टी जैसा भी लगता है। 

हर्निया के कारण और जोखिम : हर्निया उन्हें होता है जिनके बॉडी के टिश्यू कमजोर होते हैं।  कुछ के बचपन से ही कमजोरी के कारण टिश्यू कमजोर हो जाते है।  कुछ लोगो के लम्बी बीमारी के कारण, दुर्घटना के कारण, किसी ऑपरेशन के कारण टिश्यू कमजोर हो जाते हैं।  कई बार ज्यादा भरी सामान उठाने से या ज्यादा शरीरिक परिश्रम करने से पेट पर दबाव बढ़ जाता है। 

कई बार इसके पीछे का कारण मोटापा होता है।  कोई भारी सामान बिना तैयारी के उठाने से भी पेट पर दबाव पड़ता है।  लगातार खांसे और फ्रेश होते समय मांसपेशियों में हो रहे खिंचाव होने के कारण, शरीर को पूर्ण पोषण न मिलने के कारण भी ये परेशानी होने लगती है।  कई बार ये परेशानी उन लोगो को भी हो जाती है जिसे कब्ज ज्यादा समय तक बना रहता है।  कुछ महिलाओ को गर्भावास्ता के कारण भी ये परेशानी हो जाती है।  हर्निया हेरीडीटी अर्थात अनुवांशिक भी हो सकता है।  

यह भी पढ़ें:- योग और आयुर्वेद का हमारे जीवन में क्या महत्व है


आयुर्वेद के अनुसार हर्निया की रोकथाम करने के लिए करे जीवन शैली में परिवर्तन (Hernia Ayurvedic Treatment)


हर्निया को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है, जरुरत है कुछ सावधानियां रखनी की। 

  • ऐसा कोई काम न करे जिससे पेट पर ज्यादा दबाव पढ़े। 
  •  व्यक्ति को अपने वजन को कम करने या नियंत्रित करना चाहिए।  
  • जितना हो सकते कब्ज जैसी परेशानी को ज्यादा दिन तक न चलने दे और सब्जियों और फलो का सेवन करे। 
  • जब भी पेशाब या मल त्याग करने जाए जोर न लगाए।  
  • जब भी कोई भारी सामान उठाना हो तो कोई तकनीक इस्तेमाल करे।  घर हो या बाहर अकेले भारी सामान उठाने से बचे। 
  • खांसी ज्यादा हो रही हो तो इलाज करा ले और अगर धूम्रपान से खांसी हो रही हो तो धुम्रपान बंद कर दें। 
  • शुरवाती लक्ष्ण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करे, जांच कराए और इलाज शुरू करवा लें।

आयुर्वेद में हर्निया का इलाज (Hernia Ayurvedic Treatment in Hindi)


  • हर्निया लाइलाज बीमारी है लेकिन शुरुवात में ही पता चल जाए तो इसके ठीक होने की कुछ उम्मीद होती है।  आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर आपकी जीवन शैली बदले और उनके द्वारा दी जाने वाली दवाइयों का सेवन समय पर करे।  सर्जरी भी इसका एक इलाज है। 
  • जिन्हें हाइटल हर्निया हैं उन्हें अपने रहन सहन को बदलना होगा।  हल्का भोजन करे और खाने के बाद एक  दम सेमुड़े और न ही झुके।  साथ ही अपने वजन को कम करे और यदि कम है तो उसे नियंत्रण में रखे।  ज्यादा मसाले वाला भोजन से परहेज करना चाहिए।  अगर आप धूम्रपान करते हैं तो यह करने से बहुत बचे क्योकि यह जानलेवा होता हैं
  • हर्निया में कुछ व्यायाम भी बहुत लाभदायक होते हैं जो पेट की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता हैं यह करने से हर्निया के लक्षण को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं लेकिन मरीज़ को व्यायाम करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वेह सही पोजीशन में कर रहा हैं अन्यथा गलत तरीके से किया गया व्यायाम भी बहुत नुकसान दे सकता हैं

आयुर्वेदिक इलाज


आयुर्वेद द्वारा बताए गए जीवन शैली में बदलाव के साथ साथ आयुर्वेद का इलाज भी प्रभावी है।

  • स्नेहन: -
    इसमें पहले औषधीय और जड़ी बूटी से मालिश करते है।  इस मालिश में तिल के तेल या घी का इस्तेमाल होता है।  इसकी अलावा सरसों के तेल से या अलसी के तेल से भी मालिश की जाती है लेकिन वो तभी जब हर्निया होने का कारण कफ हो। 

  • निरुह बस्ती: -
    इसमें हर्बल काढ़े और औषधीय तेल को दूध में मिलाकर मिश्रण तैयार करते है और फिर इस्तेमाल करते हैं।

  • पिंड स्वेद: -
    इसमें औषधीय तेल से हर्निया वाले भाग की मालिश करके चावल के गर्म पेस्ट से सिकाई की जाती है।
     
  • कैमोमाइल: -
    कैमोमाइल से बनी चाय के इस्तेमाल से हर्निया ठीक हो सकता है। 

  • अदरक: -
    हर्निया के लिए अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लमेटरी तत्व लाभकारी है।
     
  • सेन्ना: -
    इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी से पेट और आंतो की मांसपेशियां स्ट्रोंग होती है और कब्ज की परेशानी से राहत दिलाती है जो हर्निया का कारण है। 

  •  करंज:- 
    इस जड़ी बूटी से एसिडिटी दूर होती है और हर्निया भी ठीक हो सकता है।

    इसके अलावा मुलेठी,एप्‍पल साइडर विनेगर,एलोवेरा, दालचीनी, हींग से भी हर्निया
    में आराम संभव है।

    हमारे द्वारा बताए उपायों को अपनाने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह
    जरुर ले।

सर्वश्रेष्ठ वैदिक विज्ञान संस्थान (एस्ट्रोलोक) से ज्योतिष ऑनलाइन सीखें जहाँ आप विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ज्योतिष सीख सकते हैं। इसके अलावा वास्तु पाठ्यक्रम, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम, हस्तरेखा पढ़ना, आयुर्वेदिक ज्योतिष, और बहुत कुछ प्राप्त करें। निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम उपलब्ध है।

यह भी पढ़ें:- घर में ख़ुशहाली लाने के लिए अपनाएं ये प्रभावकारी वास्तु टिप्स

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Jigyasa Agrawal

Jigyasa Agrawal

Astrology Hindi, English Exp: 6+ Year
Udayan Dalmia

Udayan Dalmia

Astrology 4+Year Exp. Hindi, English
Pankaj Bahl

Pankaj Bahl

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Mrs. Riddika Panchal

Mrs. Riddika Panchal

Numerology Expert
Acharya Panduranga

Acharya Panduranga

Astrology Hindi, Telugu Exp: 6+ Year
Mamta Arora

Mamta Arora

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Dr. N H Sahasrabuddhe

Dr. N H Sahasrabuddhe

Vastu Expert
Shweta Gupta

Shweta Gupta

Astrology Hindi, English Exp: 8+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.