INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

फैटी लीवर के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार क्या हैं?

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 554
फैटी लीवर के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार क्या हैं?

आजकल कई लोग फैटी लीवर की बीमारी से ग्रस्त हैं। लीवर शरीर का मुख्य हिस्सा है जो हमारे शरीर को हमारे द्वारा खाए भोजन को पचाने में मदद करता है। इतना ही लीवर ब्लड शुगर के लेवल को कण्ट्रोल करने में, संक्रमण से लड़ने में, बॉडी से टोक्सिन पदार्थ निकलने में, प्रोटीन बनाने में और फैट को कम करने में बहुत अहम भूमिका निभाता है। 

क्या आप ऑनलाइन सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी की तलाश कर रहे हैं? हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा ज्योतिष परामर्श के लिए अभी संपर्क करें।


फैटी लीवर क्या है?


लीवर की कोशिकाओं में फैट का जमा होना सामान्य बात है लेकिन यदि वो लीवर के भार से 10 परसेंट अधिक जमा हो जाता है तो ये परेशानी फैटी लीवर में तब्दील हो जाती है। फैटी लीवर होने की वजह से लीवर अपना काम अच्छे तरीके से नही कर पाटा है और व्यक्ति को कई परेशानियाँ होने लगती हैं।


फैटी लीवर के प्रकार


ये दो प्रकार के होते हैं एक एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज और दूसरा है नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज। व्यक्ति जब अत्यधिक शराब पीता है तब लीवर में ज्यादा फैट जमा हो जाने के कारण लीवर में सुज्जन आ जाती है और लीवर ख़राब होने लगता है। इस तरह के लीवर डिजीज को एल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज कहते हैं। खराब जीवन शैली और ज्यादा चिकनाई वाले वसायुक्त भोजन करने से लीवर में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है। इसे नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज कहते हैं। 


फैटी लीवर होने के कारण


  • मोटापा
  • आनुवांशिकता
  • हद से ज्यादा शराब पीना
  • मधुमेह 
  • खून में वसा के लेवेल का ज्यादा होना  
  • मसालेदार और फैटी फूड 
  • लम्बे समय से एस्पिरीन, स्टेरॉयड या ट्रेटासिलीन आदि दवाइयों का सेवन 
  • वायरल हेपाटाइटिस

फैटी लीवर के लक्षण


  • वजन का कम होना 
  • पेट के राईट साइड में ऊपर दर्द होना 
  • स्किन में पीलापन दिखना 
  • आँखों में पीलापन दिखना
  • पेट में सूजन 
  • अत्यधिक कमजोरी महसूस होना 
  • हमेशा एसिडिटी रहना 

यह भी पढ़ें: सिर दर्द के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय


फैटी लीवर से बचने के उपाय


आयुर्वेद अनुसार किसी बीमारी को ठीक करने के लिए सिर्फ दवाइयां ही नही बल्कि जीवनशैली में बदलाव और उचित आहार भी जरुरी है।  आयुर्वेद अनुसार व्यक्ति में वात, पित्त एवं कफ तीन दोष होते हैं। पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर वात, पित्त एवं कफ दोष को ठीक करते हैं और फिर जड से उसका इलाज करते हैं। एलोपेथिक में इसका इजाज है जो कुछ समय तक लक्ष्ण कम कर देगा लेकिन आयुर्वेद शरीर से टोक्सिन तत्वों को निकालकर दोषों को संतुलत करके जड से ठीक कर देता है। सही जीवनशैली, सही  खानपान और आयुर्वेदिक उपचार ये तीनो मिलकर फैट्टी लीवर की परेशानी को दूर कर सकते हैं।

आयुर्वेद अनुसार फट लीवर पित्त की विकृति से उत्पन्न होता है जिसका विरेचन आवश्यक है। विरेचन से पित्त का शमन किया जाता है और शरीर से टोक्सिन तत्व निकले जाते हैं। शरद ऋतू को विरेचन के लिए उपयुक्त बताया गया है। उनके अनुसार यदि व्यक्ति तीन बार शरद ऋतू में विरेचन करवाए तो उसका लीवर पहले जैसा हो जाएगा। 


जीवनशैली और खानपान में बदलाव

  • व्यक्ति को इलाज के दौरान सब्जियां और फल खाने चाहिए।
  • फाइबर युक्त भोजन को शामिल करे जैसे साबुत अनाज और फलियाँ।
  • चीनी, नमक, रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट्स का इस्तेमाल कम से कम कर दे,  हो सकते तो बिलकुल बंद कर दें।
  • शराब न पिए।
  • भोजन पकाने में लहसुन का प्रयोग करे, ये फैट जमा नही होने देता है।
  • ग्रीन ती लीवर में फैट को कम करने में कारगर है।
  • जंक फ़ूड और तला भुना न खाए।
  • हरी सब्जियों का सेवन करे जैसे ब्रोक्ली, पालक, लौकी, करेला, तोरी, टिण्डा, चुकंदर, गाजर, अदरक, प्याज और अंकुरित अनाज।
  • काबुली चना, राजमा और काली दाल के सेवन से बचे।
  • मसूर दाल और हरी मूंग दाल का सेवन करे।
  • मेयोनीज़, मक्खन, केक, चिप्स, मिठिया, पिज़्ज़ा और चीनी का प्रयोग बंद  कर दें।
  • रोज सुबह चक्कर लगाने जाए और योग करे।

फैटी लीवर के आयुर्वेदिक घरेलु उपचार

  • सूखे आंवला का चूर्ण 

आंवला में विटामिन सी और एन्टी-ऑक्सिडेंट होते हैं जो लीवर को स्वास्थ्य रखने के लिए बहुत जरुरी होता है। रोज पानी के साथ ४ गरम सूखे आवले का चूर्ण २० से 25 दिन तक दिन में तीन बार लिया जाए फैटी लीवर में आराम आता है। चूर्ण नही है तो आप तीन से चार आंवला रोज खाए। 

  • छांछ का सेवन 

छाछ में नमक, हींग, काली मिर्च और जीरा डालकर मिलाए और पी ले। इससे फैटी लीवर में आराम एगा।

  • ग्रीन टी 

ग्रीन टी भी फैटी लीवर को ठीक कर सकती है। इसमें मौजूद एन्टीऑक्सिडेंट्स लीवर को ठीक से काम करने में मदद करते हैं।

  • गोमूत्र 

रोज सुबह और शाम को 20-20 मि.ली। गौमूत्र खाली पेट पानी में मिलाकर लिया जाए तो फैटी लीवर ठीक हो सकता है।

  • नींबू और संतरे 

दोनों में ही विटामिन सी भरपूर होता है। इसे अपने आहार में रोजाना शामिल करे।

  • करेले का जूस 

यदि करेले का जूस नियमित रूप से पिया जाए तो फैटी लीवर की समास्या से बचा जा सकता है। जूस नही पी सकते हैं तो रोज के खाने में करेला शामिल करे।कुछ ही दिनों में आपको फैटी लीवर के लक्ष्ण दूर होते महसूस होंगे।

  • एप्पल साइडर विनेगर 

इसके सेवन से लीवर में जमा हुआ फैट कम होने लगता है।

  • जामुन 

जो फैटी लीवर के रोगी हैं उन्हें रोज 200 से 300 ग्राम जामुन खाली पेट खाने चाहिए।

  • टमाटर 

कच्चे टमाटर का सेवन भी फैटी लीवर के रोगियों के फायदेमंद होता है।

  • हल्दी

हल्दी का प्रयोग भी फैटी लीवर बीमारी में लाभकारी है क्योकि इसमें हेपटो प्रोटेक्टिव गुण होता है को लीवर को सही तरीके से काम करने में मदद करता है।

  • नारियल का पानी 

नारियल के पानी में मौजूद हेपेटो प्रोटेक्टिव और एंटी ऑक्सीडेंट फैटी लीवर के रोगी को बहुत आराम देता है।

ज्यादा परेशानी हो रही हो आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क जरुर करे।

सर्वश्रेष्ठ वैदिक विज्ञान संस्थान (एस्ट्रोलोक) से ज्योतिष ऑनलाइन सीखें जहाँ आप विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ज्योतिष सीख सकते हैं। इसके अलावा वास्तु पाठ्यक्रम, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम, हस्तरेखा पढ़ना, आयुर्वेदिक ज्योतिष, और बहुत कुछ प्राप्त करें। निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम उपलब्ध है।

यह भी पढ़ें: हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के घरेलु उपाय

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Pt. Adarsh Vashisht

Pt. Adarsh Vashisht

Vedic Astrology Hindi, English Exp: 35+ years
Anil Khandekar

Anil Khandekar

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Raj Sekhar

Raj Sekhar

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Pankaj Bahl

Pankaj Bahl

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Shrikant Trivedi

Shrikant Trivedi

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Riitu Dua

Riitu Dua

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Mr.Alok Khandelwal

Mr.Alok Khandelwal

Founder & World Renowned Astrologer
Aakanksha Khandelwal

Aakanksha Khandelwal

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.