Views: 367
रसोई का हर घर में क्या महत्व होता है, ये बात हम सभी जानते हैं । लेकिन रसोई के बारे में एक बात ऐसी भी है जो हर कोई नहीं जानता है और वो महत्वपूर्ण बात है - रसोई का वास्तु शास्त्र । अगर आपने अपनी रसोई बनाते व उसमें सामान रखते समय वास्तु के कुछ नियमों का पालन कर लिया तो यकीनन आप बहुत सारी समस्याओं से मुक्ति पा लेंगे । आज हम वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई बनाने व उसमें सामान रखने के कुछ प्रमुख सिद्धांतों को समझेंगे जिनका अनुपालन करने से आपको शत प्रतिशत लाभ होगा ।
एस्ट्रोलोक में वास्तु विशेषज्ञ मोनिका खंडेलवाल घरों, कार्यालयों, कारखानों, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों आदि के लिए वास्तु शास्त्र में अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। ऑनलाइन वास्तु परामर्श प्राप्त करें। हमारे वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ से सीधे संपर्क करें।
एस्ट्रोलोक ज्योतिष का एक संस्थान है जो आपको विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल द्वारा ऑनलाइन ज्योतिष और वास्तु पाठ्यक्रम, अंकशास्त्र, हस्तरेखा पढ़ने, आयुर्वेदिक ज्योतिष जैसे कई पाठ्यक्रम ऑनलाइन सीखने की सुविधा प्रदान करता है। निःशुल्क ज्योतिष पाठ्यक्रम के लिए अभी नामांकन करें और ज्योतिष की मूल बातें जानें।
रसोई घर के लिए प्रमुख वास्तु सिद्धांत -
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर के लिए प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं-
- पहला नियम उन लोगों के लिए हैं जो नया रसोई घर बनवाने की योजना बना रहे हैं । अगर आप नए रसोई घर का निर्माण प्रारंभ कराने वाले हैं तो वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर के लिए शुभ दिशा का विशेष ध्यान रखें । वास्तु शास्त्र में रसोई घर की शुभ दिशा दक्षिण-पूर्व मानी गई है यानि आपकी रसोई का मुख दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए ।
इस मान्यता के पीछे प्रमुख वजह यह है कि दक्षिण दिशा में अग्नि कोण होता है और रसोई के वास्तु के लिए अग्नि देव की कृपा होना बहुत आवश्यक है । अग्नि देव की कृपा से आपके घर में भोजन की कभी कमी नहीं होगी और आपका घर धन धान्य से सदा ही भरा रहेगा।
- दूसरा नियम उन लोगों के लिए हैं जिन्होंने अपने घर में रसोई का निर्माण सम्पन्न करा लिया है और उनका रसोई घर दक्षिण- पूर्व दिशा में नहीं है । पहला काम आप यह कर सकते हैं कि यदि संभव हैं तो अपनी रसोई की दिशा बदल कर दक्षिण -पूर्व की ओर करें और अगर ये संभव नहीं हो पा रहा है तो रसोई घर के अंदर उत्तर-पूर्व दिशा में ऊँचाई पर भगवान गणेश का चित्र लगाएं । ध्यान रहें कि आपको गणेश जी का चित्र ही लगाना है स्थापना नहीं करनी है।
- तीसरी बात जो बहुत महत्वपूर्ण है कि आपकी रसोई का मुख उत्तर दिशा में किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए । इसके पीछे की वजह भी जान लीजिए क्योंकि उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की मानी जाती है । उत्तर दिशा में अग्नि प्रज्ज्वलित करने का सीधा अर्थ है कि आप कुबेर देवता को नाराज कर रहे हो और जाने अनजाने में अपने धन की दिशा को आग लगा रहे हो । ऐसा करने से आपको धन संपदा का नुकसान हो सकता है और जो धन आपने संचित कर रखा है वह भी व्यर्थ के कामों में व्यय हो सकता है ।
- रसोई घर में चूल्हा रखने की सबसे शुभ दिशा दक्षिण-पूर्व मानी गई है । इसके अलावा पानी को हमेशा उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए । भोजन पकाते समय आपका मुख पूर्व की होना सबसे शुभ फल देने वाला सिद्ध होता है ।
- रसोई घर की दीवारें हल्के रंग जैसे पीला, नारंगी होने चाहिए । ऐसे रंग आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं । एक बात और ध्यान रखें कि रसोई घर के आसपास आपका स्नान गृह या शौचालय नहीं होना चाहिए ।
निष्कर्ष -
वास्तु शास्त्र के अनुसार बताए गए नियमों का पालन करते हुए यदि हम अपने रसोई घर का निर्माण करते है तो हम रसोई घर में वास्तु दोष से बच सकते हैं। इसके अलावा इसके अनुपालन से हमारे घर में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहेगी।
यह भी पढ़ें:- अपने घर में मंदिर की स्थापना कैसे व किस दिशा में करें ?