Views: 524
गुरुब्रम्ह गुरुविष्णु : गुरुर्देव महेश्वर
गुरु: साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः
आपको बता दें कि इस शलोक का अर्थ है कि गुरु ही ब्रम्हा है , गुरु ही विष्णु है और गुरु ही शंकर है साथ ही गुरु साक्षात परब्रह्म है और में ऐसे गुरुओं को नमन करता हूं । हमारे जीवन में गुरुओं का काफी महत्व होता है क्योंकि वह हमे जीवन में अच्छे बुरे का ज्ञान देते हैं इतना ही नहीं वह हमे सही रास्ते पर आगे बड़ने के लिए सलाह देते हैं । आपको बता दें कि हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा गुरु अवश्य होता है जो उसे उसके जीवन में उसके लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्व पूर्ण योगदान देता है। इसी के साथ गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है ।
क्या आप ऑनलाइन सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी की तलाश कर रहे हैं? हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा ज्योतिष परामर्श के लिए अभी संपर्क करें।
गुरु पूर्णिमा 2022में 13जुलाई 2022को मनाई जाएगी
आपको बता दें कि गुरु पूर्णिमा पर जगत गुरु वेद व्यास सहित व्यक्ति अपने आराध्य गुरु की भी पूजा करते हैं । वही सृष्टि के आरंभ से ही ज्ञान, आध्यात्मिकता एवम साधना का विस्तार करने गुरु शिष्य परम्परा का जन्म हुआ था। इसी के साथ गुरु शिष्य का रिश्ता पौराणिक काल से चला आ रहा है जिसे काफी पवित्र और पूजनीय माना जाता है । गुरु शिष्य को अंधकार से बचाकर प्रकाश की और ले जाता है साथ ही उसे नैतिक मूल्यों से भी अवगत कराता है । इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान के रूप में माना जाता है इस दिन केवल गुरु ही नही बल्कि परिवार के सभी बड़े सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया जाना चाहिए और गुरु तुल्य समझ कर आदर करना चाहिए । आपको बता दें कि गुरु पूर्णिमा सम्मान भाव से पूरे भारत वर्ष में मनाई जाती हैं ।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है । इसी के साथ आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है । आपको बता दें कि शिव पुराण के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु के अंशावतार वेद व्यास जी का जन्म हुआ था । इसी के साथ महर्षि वेद व्यास जी को प्रथम गुरु की उपाधि दी गई थी ।क्योंकि गुरु व्यास जी नही पहली बार मानव जाति को चारो वेदों का ज्ञान करवाया था और इसी दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है ।यह भी पढ़ें:- शनि दंड के नही बल्कि न्याय का देवता हैं।
बौद्ध धर्म के अनुसार
इसी दिन गोतम बुद्ध ने बोध गया से सारनाथ प्रवास के बाद अपने पहले पांच शिष्यों को अपना पहला उपदेश दिया था। इसके बाद संघ या उनके शिष्यों के समुदाय का गठन किया गया।
जैन धर्म
आपको बता दें कि भगवान महावीर इसी दिन अपने पहले शिष्य गोतम स्वामी के गुरु बने थे । और यह दिन महावीर की वंदना के लिए भी जाना जाता है ।
गुरु पूर्णिमा का ज्योतिष महत्व
आपको बता दें जिन जातकों की कुंडली में गुरु नेगेटिव स्थान पर होता है बनके जीवन में कई उतार चढ़ाव आते हैं और इन्ही उतार चढ़ाव से छुटकारा पाने के लिए आप गुरु पूर्णिमा के दिन इन उपायों का लाभ उठा सकते हैं । • गुरु पूर्णिमा के दिन जातकों को अपने गुरु के द्वारा दिए गए मंत्र का पूरे ध्यान से जप करना चाहिए ।
• गुरु पूर्णिमा वाले दिन किसी भी गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए और सभी को आदर भाव से प्रणाम करना चाहिए ।
• अपनो से बड़ो और बड़े बुजुर्गो का निरादर ना करे ।
• गुरु पूर्णिमा के दिन भोजन में केसर का प्रयोग करना चाहिए और स्नान के बाद नाभि और मस्तिष्क पर केसर का तिलक लगाना चाहिए ।
जय गुरु देव
सर्वश्रेष्ठ वैदिक विज्ञान संस्थान (एस्ट्रोलोक) से ज्योतिष ऑनलाइन सीखें जहाँ आप विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ज्योतिष सीख सकते हैं। इसके अलावा वास्तु पाठ्यक्रम, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम, हस्तरेखा पढ़ना, आयुर्वेदिक ज्योतिष, और बहुत कुछ प्राप्त करें। निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम उपलब्ध है।
एस्ट्रोलॉजर
ममता अरोरा
यह भी पढ़ें:- जानिए आपके बच्चों की कुंडली से, उन्हें किस दिशा में प्राप्त होगी सफलता।