हमारे शरीर के तीन दोषों में एक दोष पित्त दोष होता है । अपने पिछले लेख में हम वात दोष से हमारे शरीर में होने वाली समस्याओं व उनके समाधान पर बात कर चुके हैं । उसी कड़ी में आज हम दूसरे दोष पित्त दोष के पर बात करने जा रहे हैं । पित्त दोष से हमारे शरीर पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है ? पित्त दोष के क्या लक्षण होते हैं व पित्त दोष से बचने के लिए क्या उपाय किये जाते हैं ? इन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर ढूँढने का प्रयास करेंगे ।
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पंचतत्वों में से दो तत्व अग्नि तत्व व जल तत्व से मिलकर पित्त बनता है । पित्त हमारे शरीर की पाचन क्रिया को नियंत्रित करने का काम करता है । इसके अलावा जल व अग्नि तत्व के होने से यह हमारे शरीर के तापमान को भी प्रभावित करता है । जब हमारे शरीर में पित्त असंतुलित हो जाता है तो वह स्थिति पित्त दोष कहलाती है ।
हमारे शरीर में पित्त के बढ़ जाने या असंतुलित हो जाने पर हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है , उनमें से कुछ प्रमुख समस्याएं निम्नलिखित हैं -
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खानपान की कुछ आदतों को अपनाकर व अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करके आप पित्त दोष की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं । ऐसे ही कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं -
पित्त दोष से हमारे शरीर में होने वाली सभी समस्याओं के बारे में बात करते हुए हमने उनके उचित व लाभकारी समाधानों को भी विस्तार से समझा । इन सभी उपायों का पालन करके आप पित्त दोष की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
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