हथेली की रेखाओं की हमारे जीवन में क्या भूमिका होती है , यह बात किसी से छुपी नहीं है। अपने पिछले लेखों में हम जीवन रेखा, भाग्य रेखा, स्वास्थ रेखा, विवाह रेखा, नौकरी रेखा व हृदय रेखा के बारे में विस्तार से जान चुके हैं। आज हम हथेली की एक और महत्वपूर्ण रेखा के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसका नाम है - मित्र रेखा । ऐसे जातक जिन्हें अपने जीवन में मित्रों का बहुत सहयोग मिलता है उनकी मित्र रेखा कैसी होती है ? व ऐसे जातक जिनके बहुत कम मित्र होते हैं या फिर अकेले ही रहना पसंद करते हैं ,उनकी मित्र रेखा कैसी होती है ?
तर्जनी उंगली पर स्थित मित्र रेखा -
तर्जनी उंगली पर बनी खड़ी रेखाएं यह बताती हैं कि जातक के अधिकांश मित्र उसके व्यक्तिगत जीवन से जुड़े हुए होंगे ।
मध्यमा उंगली पर स्थित मित्र रेखा -
मध्यमा उंगली पर स्थित रेखा का अर्थ है कि जातक के अधिकतर मित्र व्यावसायिक मित्र होंगे ।
अनामिका उंगली पर स्थित मित्र रेखा -
अनामिका उंगली पर मित्र रेखा होने से जातक अपने कार्यक्षेत्र जैसे नौकरी या अन्य पेशा , से संबंधित लोगों से अधिक मित्रता करता है ।
कनिष्ठा उंगली पर स्थित मित्र रेखा -
ऐसे जातक के अधिकतर मित्र उसके व्यापार से जुड़े हुए होते हैं या उसके साझेदार होते हैं।
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1. जातक की मित्र रेखा जितनी अधिक गहरी व स्पष्ट होती है , जातक के मित्र उतने अधिक विश्वासपात्र होते हैं । ऐसे मित्र हर समय जातक की मदद के लिए तैयार रहते हैं।
2. अगर मित्र रेखा बहुत कमजोर व अस्पष्ट है तो ऐसे जातक को मित्रों का सहयोग प्राप्त नहीं होता है । ऐसा भी संभव है कि आवश्यकता पड़ने पर मित्र धोखा दे।
4. यदि उंगली पर स्थित खड़ी रेखाओं के ऊपर आड़ी रेखाओं का जाल बना हो तो यह स्थिति जातक के लिए भ्रामक व खतरनाक होती है । ऐसी स्थिति में जातक के मित्रों में ही उसके शत्रु भी छुपे होते हैं।
5. यदि मित्र रेखा बहुत गहरी , चौड़ी व फैली हुई हो तो ऐसे जातक के मित्र बहुत भरोसेमंद नहीं होते हैं और ये मित्र सहयोग के समय गायब हो जाते हैं।
6. अँगूठे और उंगली के बीच का कोण जितना अधिक होगा , मित्रता की दृष्टि से जातक के लिए उतना ही शुभ होगा । ठीक इसके विपरीत अँगूठे और उंगली के बीच का कोण जितना कम होगा , जातक के मित्रों की संख्या बहुत कम होगी।
7. मंगल रेखा के बगल में छोटी छोटी रेखाओं को भी जातक की मित्रता से जोड़कर देखा जाता है । ये रेखाएं अगर साफ सुथरी व स्पष्ट हैं तो जातक को अपने मित्रों से लाभ ही लाभ होगा ।
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