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हिंदू धर्म के अनुसार अक्षय तृतीया को बेहद शुभ तिथि माना गया है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छटे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम जी का जन्म हुआ था यह भी मान्यता है कि इस दिन किए गए कार्यों को कई गुना फल प्राप्त होता है ।
अक्षय तृतीया तिथि का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है कि इस दिन किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्त होता है ।
अक्षय तृतीया तिथि का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है अक्षय तृतीया हर वर्ष वैशाख के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है । कई जगहों पर पर इसे आखातीज के नाम से भी मनाया जाता है । मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का विशेष फल प्राप्त होता है । इसके साथ ही इस दिन विशेष तौर पर सोने की खरीद दारी भी की जाती है । पुराणों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छटे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम जी का महर्षि जमदग्नि और माता रेणु के घर जन्म हुआ था इस तिथि पर भगवान परशुराम जी की पूजा भी की जाती है।
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जाने कब है अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया हिंदू धर्मावलंबियों के लिए विशेष महत्व रखती है इस दिन को लेकर मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का अक्षय फल प्राप्त होता है। इस साल अक्षय तृतीया 3 मई2022 (मंगलवार) को पड़ रही है। अगर किसी कार्य को करने का मुहूर्त नही निकल पा रहा है तो अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त के ही वह कार्य संपन कर लिया जाता है । खास तौर पर विवाह आदि मांगलिक कार्य इस दिन बिना मुहूर्त के किए जाते हैं ।
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य संपन किए जाते हैं इस तिथि पर गंगा स्नान का भी मान्यता है । पुराणों में कहा गया है कि जो व्यक्ति अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान करता है वह सारे पापो से मुक्त हो जाता है । इस दिन पितृ श्राद्ध करने का भी विधान माना गया हैं । अक्षय तृतीया को गेहूं, चना, दुध से बने पदार्थ आदि सामग्रियों को दान कर ब्राह्मण को भोजन कराने की भी परंपरा है ।
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अक्षय तृतीया की पूजन विधि
अक्षय तृतीया के दिन व्रत रखने की परंपरा है। अगर आपने व्रत रखा है तो सूर्योदय से पहले स्नान कर ले इसके बाद पीले वस्त्र धारण करें अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगा जल से शुद्ध करे इसके बाद उन्हें पीले फूल , तुलसी , पीले फूल की माला अर्पित करें । अब दीप और धूप अगरबत्ती जलाकर पीले आसन पर बैठ जाए और विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ करें । पाठ के बाद आखिर में भगवान विष्णु की आरती करे ।
ज्योतिष के अनुसार आखातीज का प्रभाव
ज्योतिष में सूर्य और चंद्रमा प्रमुख ग्रह माने जाते हैं । सूर्य हमारी आत्मा का कारक होता है और चंद्रमा हमारे मन का कारक होता है । अक्षय तृतीया वाले दिन सूर्य भी उच्च के होते हैं और चंद्रमा भी उच्च के होते हैं । सूर्य और चंद्रमा पावरफुल होते है ।
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