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हल्दी लाभकरी है, ये बात तो हम सभी जानते हैं पर कितनी लाभकरी है, ये बात बहुत कम लोग जानते हैं । आयुर्वेद में हल्दी के ऐसे ऐसे गुण बताए गए हैं जो किसी चमत्कार से कम नहीं हैं ।
आज के लेख में आयुर्वेद में बताए गए हल्दी के गुणों को जानेंगे । साथ ही यह भी जानेंगे कि शरीर से जुड़ी किस समस्या में हल्दी का उपयोग किस तरह से किया जाता है ?
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आयुर्वेद में बताए गए हल्दी के नाम-
आयुर्वेद में हल्दी के कई नाम बताए गए हैं । कुछ प्रमुख नाम निम्नलिखित हैं -
- हरिद्रा
- कांचनी
- निशा
- वरवर्णिनी
- गौरी
सोने के समान रंग होने के कारण इसे कांचनी कहा गया है । चाँदनी रात के समान सुंदर होने के कारण इसे निशा कहा गया है । हल्दी के पास सुंदर रंग प्रदान करने का गुण है, इसलिए इसे वरवर्णिनी कहा गया है । पीला रंग होने के करण इसे गौरी कहा गया है ।
आयुर्वेद में बताए गए हल्दी के गुण-
आयुर्वेद में बताए गए हल्दी के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं -
- आयुर्वेद में कहा गया है कि हल्दी अपने गरम स्वभाव के कारण हमारे शरीर में कफ दोष व वात दोष को संतुलित करती है ।
- हल्दी का स्वाद कड़वा होता है इसलिए हल्दी शरीर के पित्त दोष को कम करने में भी समान रूप से लाभप्रद मानी जाती है ।
- शरीर में लगी चोट या सूजन के लिए हल्दी औषधि स्वरूप कार्य करती है । इसलिए हम देखते हैं कि ग्रामीण अंचल में आज भी लोग चोट लगने पर हल्दी का लेप लगा लेते हैं ।
- हल्दी त्वचा के रंग के लिए भी बेहद लाभकारी है । चेहरे पर हल्दी का लेप लगाने से त्वचा में एक अलग तरह का निखार देखने को मिलता है ।
- हल्दी का प्रयोग चर्म रोग के लिए भी बहुत लाभकारी माना गया है । सभी प्रकार के चर्म रोग जैसे दाद, खाज आदि में हल्दी का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है ।
- बवासीर जैसे रोग में हल्दी के चूर्ण का घी के साथ प्रयोग करने से लाभ होता है ।
- आँखों से जुड़ी हुई समस्या में भी हल्दी बहुत फायदेमंद मानी जाती है ।
- सर्दी, खांसी, जुकाम में हल्दी विशेष रूप से लाभ प्रदान करती है ।
- पाचन से संबंधित दोषों में हल्दी बहुत लाभ पहुँचाती है । अगर किसी को भूख कम लगती है या फिर भूख बिल्कुल नहीं लगती है तो जल्दी का सेवन करने से उसकी यह समस्या दूर हो सकती है ।
- हल्दी कीटाणु नाशक के रूप में भी कार्य करती है । इसके घोल को हाथों में लगाने से हाथ के कीटाणु मर जाते हैं ।
- एक सामान्य भ्रम है कि पीलिया होने पर हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए किन्तु ये सच नहीं है । पीलिया होने पर हल्दी अत्यंत लाभकरी सिद्ध होती है।
- हल्दी हमारे शरीर के रक्त को साफ करने का कार्य करती है । इसके अलावा यह रक्त को बढ़ाने का भी कार्य करती है । रक्त को बहने से रोकने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है ।
- साँस से जुड़ी समस्याओं में भी हल्दी शीघ्रता से लाभ प्रदान करती है ।
मधुमेह को कम करने में हल्दी मदद करती है । इसके अलावा वजन कम करने में भी ये सहायक होती है।
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हल्दी का सेवन किस मात्रा में करें ?
हल्दी का चूर्ण 1 ग्राम से 3 ग्राम तक की मात्रा में गरम पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है । किसी विशेष समस्या के लिए हल्दी का सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करें ।
निष्कर्ष -
इस प्रकार से हमने हल्दी के चमत्कारी गुणों का विस्तार से अवलोकन किया ।
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