INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

अपनी कुंडली स्वयं कैसे पढ़ें ?

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 460
अपनी कुंडली स्वयं कैसे पढ़ें ?

कुंडली पढ़ना ज्योतिष विज्ञान का महत्वपूर्ण विषय है । हर एक व्यक्ति की कुंडली ही उसके जीवन की दशा व दिशा निर्धारित करती है । हम सभी चाहते हैं कि काश हमें ये पता चल जाए कि हमारे जीवन के आने वाले समय में क्या होने वाला है ,कुछ बहुत अच्छा होने वाला है या कुछ बहुत बुरा होने वाला है , तो हम उसके अनुसार स्वयं को समय रहते तैयार कर सकें । कुंडली के माध्यम से हम अपने जीवन की बहुत सारी बातों को जानने की कोशिश करते हैं जिनमें सर्वाधिक रोमांचित करने वाले प्रश्न होते हैं कि हमारी नौकरी कब लगेगी? हमारा विवाह कब होगा ? हम कितना धन अर्जित कर सकेंगे ? आसपास के लोगों से हमारा रिश्ता कैसा रहेगा ?या फिर हमारा स्वास्थ्य कैसा रहेगा ?

ये सभी ऐसे कुछ प्रश्न हैं जिनका उत्तर जानने के लिए हम सब सदैव उत्सुक रहते हैं और इन प्रश्नों का अपने अनुकूल उत्तर पाते ही रोमांचित हो उठते हैं । यह आवश्यक नहीं है कि हर बार सभी प्रश्नों के उत्तर हमारी इच्छा अनुसार ही मिलें किन्तु इसमें अधिक चिंतित होने की भी बात नहीं है क्योंकि हम अपनी कुंडली किसी योग्य ज्योतिषी को दिखाकर उनसे परामर्श कर सकते हैं और जीवन में आने वाली समस्याओं का हल पूछ सकते हैं।

अपनी कुंडली के बारे में सब कुछ जानें विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल द्वारा , एस्ट्रोलोक के माध्यम से ।

व्यक्ति की जन्मकुंडली जन्म समय , जन्म स्थान व ग्रहों के स्थान के अनुसार बनाई जाती है । जब कभी ग्रहों की वर्तमान स्थिति में बदलाव होता है तो उसके अनुसार हमारे अपने जीवन में भी परिवर्तन होता है ।

कुंडली पढ़ने या देखने से पहले आपको 4 बातों के विषय में जानकारी होना आवश्यक है, पहला कुंडली के सभी ग्रहों के नाम ,दूसरा जन्मकुंडली के सभी भाव अथवा घर , तीसरा नाम के अनुसार राशि व चौथा सभी राशियों के स्वामी ग्रहों के नाम ।

जन्मकुंडली के ग्रहों के नाम -

ज्योतिष विज्ञान में ग्रहों की कुल संख्या 9 मानी गई है जिसमें 7 मुख्य ग्रह व 2 छाया ग्रह माने गए हैं ।

7 मुख्य ग्रहों के नाम इस प्रकार हैं -

1. सूर्य ग्रह
2. चंद्र ग्रह
3. बृहस्पति या गुरु ग्रह
4. शुक्र ग्रह
5. मंगल ग्रह
6. बुध ग्रह
7. शनि ग्रह

2 छाया ग्रह निम्नलिखित हैं -

1. राहु ग्रह
2. केतु ग्रह

यह भी पढ़ें:- मकर संक्रांति पर सूर्य का राशि परिवर्तन

जन्मकुंडली के भाव/घर -

जन्मकुंडली में कुल 12 भाव होते हैं जो निम्नलिखित हैं -

1. प्रथम भाव
2. द्वितीय भाव
3. तृतीय भाव
4. चतुर्थ भाव
5. पंचम भाव
6. षष्ठ भाव
7. सप्तम भाव
8. अष्टम भाव
9. नवम भाव
10. दशम भाव
11. एकादश भाव
12. द्वादश भाव

इन भावों को घर भी कहा जाता है ।

कुंडली में भाव का अर्थ -

कुंडली में भावों के स्थान में परिवर्तन नहीं होता है । हर एक भाव आपके जीवन में अलग अलग चीजें निर्धारित करता है ।

  • प्रथम भाव आपका रंग रूप , चरित्र , स्वभाव आदि चीजों के बारे में बताता है ।
  • द्वितीय भाव आपके संबंधों ,आपकी वाणी व धन के विषय में बताता है ।
  • तृतीय भाव सामान्यतः शुभ भाव नहीं माना जाता है क्यों कि ये आपसे अतिरिक्त परिश्रम लेता है किन्तु उसके अनुसार परिणाम नहीं देता है ।
  • चतुर्थ भाव केन्द्रीय भाव है । इसके साथ ही ये सुख सुविधाओं का भी भाव है ।
  • पंचम भाव हमारी शैक्षणिक योग्यताओं को प्रदर्शित करता है । इसे त्रिकोण स्थान भी कहा जाता है ।
  • षष्ठ भाव हमारे लेन देन व ऋण को बताता है इसलिए इसे शुभ नहीं माना जाता है ।
  • सप्तम भाव लग्न कुंडली की सामने वाला स्थान होता है । ये हमारे साथी से संबंधित जानकारी प्रदान करता है ।
  • अष्टम भाव खोजी प्रवृत्ति के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है । इसके अलावा मृत्यु व कष्ट भी इसी भाव से देखा जाता है ।
  • नवम भाव त्रिकोण के साथ ही भाग्य स्थान भी है । विदेश यात्राओं का संयोग भी इसी भाव से देखा जाता है ।
  • दशम भाव आपके नौकरी पेशे के लिए महत्वपूर्ण भाव है ।
  • एकादश भाव लक्ष्मी का स्थान है । ये हमारी आय के विषय में जानकारी देता है ।
  • द्वादश भाव शुभ घर नहीं माना जाता है । इसमें कारावास का दुर्योग बन सकता है । हालांकि इसमें विदेश यात्रा का भी संयोग देखा जाता है ।

यह भी पढ़ें:- मांगलिक योग कैसे बनता है?

राशियाँ व उनके स्वामी ग्रह -

सभी राशियाँ व उनके स्वामी ग्रहों के नाम इस प्रकार हैं -

1. मेष राशि - मंगल
2. वृष राशि - शुक्र
3. मिथुन राशि - बुध
4. कर्क राशि - चंद्रमा
5. सिंह राशि - सूर्य
6. कन्या राशि - बुध
7. तुला राशि - शुक्र
8. वृश्चिक राशि - मंगल
9. धनु राशि - गुरु
10. मकर राशि - शनि
11. कुम्भ राशि - शनि
12. मीन राशि - गुरु

इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि सूर्य व चंद्र 1-1 राशि के स्वामी हैं व इसके अलावा सभी ग्रह 2-2 राशियों के स्वामी हैं ।

जन्मकुंडली में ग्रहों की डिग्री -

जन्मकुंडली में ग्रहों के डिग्री के अनुसार ही हमें परिणाम मिलते हैं । एक ग्रह की डिग्री 0 से लेकर 30 तक देखी जाती है ।

0 से 6 डिग्री के बीच की अवस्था को बाल अवस्था कहा जाता है और इसमें हम 25 प्रतिशत तक परिणाम प्राप्त करते हैं ।
6 से 12 डिग्री की अवस्था को युवा अवस्था कहा जाता है और ये हमें 50 प्रतिशत तक परिणाम देती है ।
12 से 18 डिग्री के मध्य जब कोई ग्रह होता है तो उस अवस्था को पूर्ण युवा अवस्था कहा जाता है और ये हमें 100 प्रतिशत यानि पूर्ण परिणाम प्रदान करता है ।
18 से 24 डिग्री के मध्य की अवस्था को प्रौढ़ अवस्था कहा जाता है और इसमें हम पुनः 50 प्रतिशत तक का ही परिणाम हासिल कर पाते हैं ।
24 से लेकर 30 डिग्री तक की अवस्था को वृद्ध अवस्था कहा जाता है और हम पुनः प्रारम्भिक अवस्था में पहुँच जाते हैं यानि केवल 25 प्रतिशत परिणाम की हासिल कर पाते हैं ।

उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आप अपनी जन्मकुंडली का अध्ययन घर बैठ कर स्वयं ही कर सकते है व अगर कोई ग्रह आपको हानि पहुंचाता दिखाई दे रहा है तो उसका उपाय भी कर सकते हैं ।

ऑनलाइन ज्योतिष सीखना चाहते हैं? आप सही जगह पर आए है। हमारा ‘ज्योतिष मुफ़्त पाठ्यक्रम आपको वह सब कुछ सिखाएगा जो आपको ज्योतिष, राशियों और ग्रहों की चाल के बारे में जानने की जरूरत है। क्या आप और जानने के लिए तैयार हैं? विश्व विख्यात ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से यहां जानें ज्योतिष शास्त्र।

यह भी पढ़ें:- बुध वक्री, शुक्र मार्गी और मंगल का धनु राशि में प्रवेश

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Yogesh Deshpande

Yogesh Deshpande

Panchang & Muhurat Expert
Nikieta Dhanaani

Nikieta Dhanaani

Astrology, Numerology Hindi Exp: 4+ Year
Mamta Arora

Mamta Arora

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Arti Walia

Arti Walia

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Ekta Singh

Ekta Singh

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Aakanksha Khandelwal

Aakanksha Khandelwal

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Tejal Shah

Tejal Shah

Akshara Diwakar Kulkarni

Akshara Diwakar Kulkarni

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.