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अपने सपनों का घर हर कोई बनाना चाहता है। ज्योतिष में भी ऐसा कहा जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में ग्रहों की दशा अच्छी होती है , उन्हें भूमि , भवन , वाहन का सुख मिलता है । तीनों चीजें इसी क्रम में प्राप्त होती हैं। अगर आप घर बनाना चाहते हैं तो उसके लिए भूमि की आवश्यकता होगी और अगर आप अपना वाहन खरीदना चाहते हैं तो उसके लिए आपके पास अपना घर होना चाहिए । आज हम पहली महत्वपूर्ण चीज भूमि पर बात करने जा रहे हैं । घर बनाने से पहले ऐसी भूमि का चयन कैसे करें जो वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके लिए शुभ साबित हो । भूमि का चयन उसके रंग , रूप व गंध के आधार पर किया जाता है ।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार भूमि चयन -
भूमि चयन के लिए वास्तु शास्त्र में कई सिद्धांत बताए गए हैं , उनमें से प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं -
- जो भूमि दक्षिण और पश्चिम दिशा में ऊपर की ओर जा रही हो और उत्तर-पूर्व दिशा में नीचे की ओर जा रही हो , ऐसी भूमि पर घर बनवाना शुभ माना जाता है । यह भूमि जातक को लंबी आयु के साथ जीवन भर सुख समृद्धि प्रदान करती है ।
- अगर भूमि के मध्य का भाग आसपास के भाग से ज्यादा ऊँचा है तो ऐसी भूमि पर घर बनाने से घर के सदस्यों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है ।
- अगर भूमि पूर्व दिशा की ओर ऊंची व पश्चिम दिशा की ओर नीचे की तरफ जा रही है तो ऐसी भूमि पर घर बनाना वास्तु शास्त्र में अशुभ माना गया है ।ऐसी भूमि पर घर बनाने से परिवार में हमेशा कलह की स्थिति बनी रहती है और आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ता हैं ।
- जो भूमि उत्तर और दक्षिण दिशा में ऊंची होती है और मध्य में नीची होती है, ऐसी भूमि को वास्तु शास्त्र में सर्वाधिक अशुभ माना गया है । ऐसी भूमि पर घर होने से घर के सदस्यों को अत्यधिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है ।
- जिस भूमि पर जल का प्रवाह पूर्व दिशा को ओर होता है , ऐसी भूमि पर घर बनाना बेहद शुभ माना गया है । ऐसे घर में धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती है । इसके अलावा परिवार का सदस्यों का स्वास्थ्य बहुत उत्तम रहता है।
- अगर भूमि पर जल का प्रवाह उत्तर दिशा की ओर हो तो यह दिशा धन की दृष्टि से बहुत शुभ मानी जाती है । उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर को माना जाता है । कुबेर की दृष्टि पड़ने से जातक धन अर्जित करने में बहुत सफलता प्राप्त करता हैं ।
- जल प्रवाह के लिए पश्चिम व दक्षिण दोनों दिशाएं वास्तु में अशुभ मानी गई हैं । इन दिशाओं में जल प्रवाह होने से जातक को आर्थिक हानि के साथ ही अन्य गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ।
- भूमि चयन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखे कि भूमि के बीचों बीच गड्डा नहीं होना चाहिए । गड्डा पतन का प्रतीक है इसलिए इसे शुभ नहीं माना जाता है ।
- सफेद रंग की भूमि बुद्धि व ज्ञान प्रदान करने वाली होती है तो वहीं लाल रंग की भूमि पराक्रम में वृद्धि करती है । पीले रंग की भूमि व्यापार में अत्यधिक लाभ प्रदान करती है ।
- अगर भूमि की गंध मन में ताजगी पैदा कर रही है तो ऐसी भूमि घर बनाने के लिए शुभ सिद्ध होगी । इस बात का भी ध्यान रखें भूमि ऊबड़ खाबड़ नहीं होनी चाहिए ।
निष्कर्ष -
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर बनाने हेतु शुभ भूमि का चयन करने के कुछ बेहद महत्वपूर्ण बातों को आज के लेख के माध्यम से हमने जाना । आप अपने घर के लिए भूमि चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखते हैं तो निश्चित रूप से वास्तु दोष से मुक्त भूमि पर घर का निर्माण कर सकते हैं ।
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