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हम सब अपने अपने घरों में अपने दैनिक पूजा पाठ के लिए मंदिर की स्थापना करते हैं । मंदिर की स्थापना करते समय हमारे मन में कई शंकाएं रहती हैं कि मंदिर की स्थापना कैसे करें ? मंदिर की स्थापना किस दिशा में करें ? मंदिर में कौन कौन से देवताओं को स्थापित करें ? भगवान की मूर्ति का आकार कितना हो ? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो हम सबके दिमाग में आते हैं । इसके अलावा भी मंदिर को लेकर प्रश्न हमारे सामने आते रहते हैं । आज का लेख घर में मंदिर स्थापना को लेकर उठने वाले सारे प्रश्नों का उत्तर देने वाला है ।
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घर में मंदिर स्थापित करने की शुभ दिशा -
सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना है कि घर के मुख्य द्वार के बिल्कुल सामने कभी मंदिर की स्थापना नहीं करनी चाहिए । ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्य द्वार से अंदर आने वाली नकारात्मक शक्तियों का सीधा प्रवेश मंदिर में ना हो । मंदिर की स्थापना के लिए सबसे शुभ दिशा पूर्व दिशा मानी गई है । आप जिस भी मूर्ति को अपने मंदिर में स्थापित करते हैं उसका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए अर्थात जिस ओर से सूर्य का उदय होता है उसी ओर भगवान का मुख होना चाहिए । पूजन करते समय आपका मुख पश्चिम दिशा की ओर होना सबसे शुभ माना गया है ।
मंदिर स्थापना के लिए शुभ रंग -
मंदिर की स्थापना करते समय रंगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए । मंदिर में हमेशा सात्विक हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए जिससे सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है । गहरे रंगों के प्रयोग से बचना चाहिए क्योंकि गहरे रंग हमारी तामसिक प्रवृत्ति को प्रदर्शित करते हैं और हमारे घर के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित कर सकते हैं ।
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मंदिर में किस देवता व आकार की मूर्ति रखें
अपने घर के मंदिर में किसी भी देवता की उग्र भाव लिए हुए प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए । ऐसी प्रतिमा निश्चित रूप से आपके अंदर अतिरिक्त उत्साह का संचार करती है लेकिन इससे क्रोध में भी वृद्धि होती है और अधिक क्रोश करने से आप किसी विवाद में पड़ सकते हैं । इसलिए मंदिर सौम्य भाव लिए हुए मूर्ति ही रखनी चाहिए । इसके अलावा घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करना वर्जित है । घर के मंदिर में गणेश जी की और लक्ष्मी माता की प्रतिमा अवश्य होनी चाहिए क्योंकि किसी भी शुभ कार्य करने से पहले हम गणेश जी की पूजा करते हैं और कार्य करने के लिए धन की आवश्यकता होती है जिसके लिए माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा होना बहुत आवश्यक है । शास्त्रों के अनुसार घर के मंदिर में धातु की मूर्ति को सबसे शुभ माना गया है इसलिए आप मंदिर की स्थापना करते समय ध्यान रखें कि पत्थर या मिट्टी की मूर्ति की जगह किसी धातु जैसे कांस्य धातु की मूर्ति की स्थापना ही करें । इसके अलावा आप जिस भी देवता को अपना आराध्य मानते हैं उसकी मूर्ति भी अपने घर के मंदिर में स्थापित कर सकते हैं । ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि घर के मंदिर की मूर्ति का आकार आपकी हथेली से बड़ा नहीं होना चाहिए । अगर ऐसा होता है तो फिर उस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है ।
निष्कर्ष -
घर में मंदिर स्थापित करने के लिए इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए । गलत दिशा या गलत विधि से मंदिर की स्थापना आपके लिए परेशानी ला सकती है । इसके अलावा मंदिर की स्थापना के लिए शुभ रंग सात्विक रंग का प्रयोग करें । कांस्य धातु की मूर्ति सबसे शुभ मानी गई है इसलिए मूर्ति स्थापना में इस बात का अनुपालन करें ।