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परिवार हमारे जीवन का वो अभिन्न अंग हैं जो हमारे सुख दुःख के साथी होते हैं। यदि सुख के समय हमारे साथ हमारा परिवार होता है तो सुख दुगना हो जाता है और अगर जीवन में कोई संकट या दुःख आता है तो दुःख आधा हो जाता है और संकट से उभरने में हमारा परिवार बहुत मदद करता है। व्यक्ति का यदि कोई परिवार नही होता है तो उसका जीवन अकेलेपन में निकल जाता है और जब वो घर पर अकेले होते हैं और दुखी होते हैं तब तो अकेलापन जानलेवा हो जाता है। वैसे तो परिवार के बिना जीवन जीवन नही लेकिन कई बार परिवार में सदस्यों में मन मुटाव आ जाता है और उनके बीच प्यार की जगह क्लेश और झगड़े आ जाते हैं।
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ज्योतिष शास्त्- व्यमें क्ति की छोटी समस्या से लेकर बड़ी समस्याओ का समाधान छिपा है। ज्योतिष शास्त्र में पता लगाया जा सकता है आपका परिवार सुखी है या दुखी, क्या घरवालो के बीच आपसी प्यार है और क्या परिवार में सबके मन में द्वेष की भावना आ गयी है? ज्योतिष शास्त्र में जीवन के हर उस पहलु को सवारने में मदद मिलती है जो हमारे जीवन को सुखी बनाने के लिए जरुरी है। यदि आप भी एक एस्ट्रोलोजर बनना चाहते हैं तो ज्योतिष विद्या सीख सकते है। आप इसके लिए हमारा
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कुंडली में विभिन्न भावो में बैठे ग्रहों का परिवार के सुख दुःख पर बहुत असर होता है। इस असर के बारे में जानने के लिए ज्योतिष से जुडी कुछ जरुरी बातो पर विचार करते हैं।
मुकदमा
यदि परिवार के बीच किसी चीज को लेकर या प्रोपर्टी को लेकर कोई व्यक्ति कोर्ट केस दायर करता है तो ये ग्रह दशा ख़राब होने से होता है। ये सब कुंडली के छठे भाव की वजह से होता है। ये भाव मुकदमों, शत्रुओं, झगड़ों और षड्यंत्रों की से वजह होते हैं। इस भाव के स्वामी की वजह से आपसी रिश्ते बिगड़ते हैं। इसी कारण ये जानना बहुत जरूरी है कि छठे भाव में किसकी दृष्टि हैं।
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परिवार में आपस में उदासीनता और उपेक्षा
ग्रह दशा ख़राब होने से खासकर शनि और केतु की वजह से परिवार में एक दूसरे के प्रति उदास्तीनता आ जाती है और लोग एक दूसरी की उपेक्षा करना शुरू कर देते हैं।
अहंकार, घमंड और द्वेष
परिवार में सदस्यों के बीच घमंड, अहंकार और द्वेष आने के पीछे का कारण है सूर्य और मंगल। ये दोनों ग्रह आक्रमक माने जाते हैं। इन ग्रहों से जो सदस्य प्रभावित होते हैं उनमें अहंकार आ जाता है। सूर्य और मंगल यदि सातवे घर में हो रिश्ते ख़राब हो जाते हैं। लोगो के बीच अहंकार आ जाता है। सूर्य यदि आठवे घर में होगा तो पत्नी पक्ष से अनबन हो सकती है। ऐसे ही यदि सूर्य और मंगल ११ वे भाव में हो तो संतान पक्ष से जुडी समस्या आ जाती है और यदि मंगल और सूर्य तीसरे भाव में हो तो भाई बहनों के बीच मनमुटाव आ जाते हैं।
धोखाधड़ी
परिवार के लोग यदि एक दूसरे के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं तो इसकी वजह राहू ग्रह होने की सम्भावना होती है क्योकि छल, झूठ, कपट ये सभी राहू के प्रभाव से होते हैं। इसी से अहंकार भी आता है जो रिश्ते को और खोखला करता जाता है। चौथे भाव में यदि राहू होगा तो परिवार के किसी के द्वारा धोखा और विश्वासघात की सम्भावना होती है।
पारिवारिक समस्याओं और ज्योतिष का संबंध
हर परिवार में कोई न कोई समस्या होती ही है। पारिवारिक समस्याएं हमारे कर्मों और ग्रह-नक्षत्रों से प्रभावित होती हैं। प्राचीन काल में यह समस्या बहुत कम हुआ करती थी, क्योंकि प्राचीन काल में सभी लोग या राजा महाराजा ज्योतिष, कुंडली और शास्त्रों को अपने दोषों से छुटकारा पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानते थे। वे समय-समय पर हवन किया करते थे। घर-परिवार में शांति बनाए रखने के लिए पूजा और दान-पुण्य एवं ज्योतिषीय उपाय किए जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है।
आप जानते हैं जब भी घरो में हो रहे जब भी पारिवारिक कलह के लिए ज्योतिष की बात आती है तो इसे अन्धविश्वास ही माना जाता है। लेकिन यदि आप ज्योतिष शास्त्र को सीख लेते हैं तो आपको आपकी कुछ परेशानियों से निजाद मिल सकती है। परिवार में कलह होने के पीछे ग्रह दोष होते हैं और इस तरह के दोषों को दूर करने कल के पूजा पाठ और हवन किए जाते हैं। ज्योतिष और ईश्वर की आराधना आपकी मदद कर सकता है।
जब आप ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र सीखना शुरू करेंगे तब आप जानेगे कि ज्योतिष और वास्तु आपकी मुसीबतों को दूर करने और उसका समाधान करने में आपकी मदद करेगे। यदि आप एस्ट्रोलोजी सीखना चाहते हैं तो आप हमारा वैदिक ज्योतिष शिक्षा पाठ्यक्रम
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परिवार कई लोगो से मिलकर बनता है और उनमे आपस में छोटी मोटी बहस और मन मुटाव होता रहता है। कई बार तो कुछ बाते इतना आहात करती हैं कि लोग एक दूसरे से अलग दूसरे घर में रहने का विचार करने लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में वास्तु और ज्योतिष बहुत मददगार होता है। ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञों से सलाह करके आप थोड़े बहुत परिवर्तन करके अपनी पारिवारिक समस्याएँ दूर कर सकते है।
यदि परिवार में परेशानियाँ किसी एक व्यक्ति के कारण हो रही हैं तो आप ज्योतिष से सलाह ले और उपाय करे, आपको जरुर लाभ होगा। आप किसी विद्वान ज्योतिष को अपनी कुंडली दिखाकर सलाह ले सकते है और अपनी समस्या के समाधान के लिए उपाय जाना सकते है। घर में हवन कराना और वेदों की पूजा बहुत प्रभावकारी है। वेदों और हवन के प्रभाव से मन और घर दोनों में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और घर से नेटिविटी दूर भाग जताई है। घर में रोज की जाने वाली पूजा से नकारात्मक ऊर्जा धीरे धीरे ख़त्म होने लग जाती है। ज्योतिष की मदद से घर पर लगी बुरी नजर भी हटाई जा सकती है। घर से नकरात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए घर में सभी जगह गंगाजल या गौ मूत्र से छिडकाव करे। साल भर आने वाले तीज त्यौहार इसलिए बनाए गए हैं ताकि पूजन और हवन से घर में और मन में शुद्धि आती है।
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