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बुधादित्य योग क्या है और आपकी कुंडली में बना यह योग आपको क्या क्या लाभ देगा

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
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बुधादित्य योग क्या है और आपकी कुंडली में बना यह योग आपको क्या क्या लाभ देगा

ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि जिस तरह सौर मंडल में सूर्य और बुध गृह आस पास होते हैं  उसी तरह कुंडली में भी ज्यादातर सूर्य और बुध गृह को एक साथ देखा गया है। इन दोनों ग्रहों के योग से ही बुधादित्य योग(Budhaditya Yoga) बनता है। ऐसा माना जाता है ये योग लोगो के लिए शुभ होता है। ये योग लगभग सभी कुंडली में दिखाई देता है और अलग अलग भावो में बदलता रहता है। 

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ज्योतिषाचार्य अनुसार जिनकी कुंडली के जिस भाव में बुधादित्य योग बनता है वो उस भाव को प्रबल बना देता है। इस योग से व्यक्ति को वैभव, धन दौलत और समाज में मान सम्मान मिलता है। ज्योतिष अनुसार इस योग में जो व्यक्ति पैदा होते हैं अगर वो गरीब है तो वो धीरे धीरे अमीर होते जाते हैं और ये योग उसे जीवन भर लाभ पहुंचता रहता है और उसके सभी कार्य पूरे हो जाते हैं।

आज के लेख में हम आपको बुधादित्य योग से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बाते बताने वाले हैं।


बुधादित्य योग प्रथम भाव में हो तो


यदि बुधादित्य योग(Budhaditya Yoga) कुंडली के प्रथम भाव में बन रहा है तो व्यक्ति को यश प्राप्त होता है और उनका मान सम्मान भी बढ़ता है। ऐसे व्यक्ति उदार, क्षमावान, आत्मसम्मान से भरपूर और साहसी होते हैं और  ये अपने भविष्य को लेकर बहुत गंभीर होते हैं और अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर आगे बढते रहते हैं।ऐस योग वाले व्यक्ति की बचपन में सेहत अच्छी नही होती है।


बुधादित्य योग द्वितीय भाव में हो तो


व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग यदि द्वितीय भाव में होता है तो उस व्यक्ति का जीवन सुखमय और विलासिता से भरा होगा। ऐसे व्यक्ति अध्ययन करना पसंद करते हैं।  इनका व्यापार अच्छा चलता है और यदि वो दूसरो के धन से व्यापार करते हैं तो उनको सफलता निश्चित ही मिलती हैं। ऐसे व्यक्ति अपने पुराने कर्जो से छूट जाते हैं। इन व्यक्तियों का वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा बीतता  है।


तृतीय भाव में बुधादित्य योग हो तो


जिनकी कुंडली के तृतीय भाव में बुधादित्य योग (Budhaditya Yoga) होता है उनके भाई या बहनो से रिश्ते मधुर नही होते और उन्हें उनके रिश्तेदारों से परेशानियाँ झेलनी पड़ती हैं। वो कई अवसर को देते हैं जिनसे उनका भाग्य चमक सकता था। लेकिन यदि व्यक्ति नौकरी पेशा हैं उनको सफलता मिल सकती है। ऐसे लोग रचनात्मक कार्यो में अच्छे होते हैं। इन लोगो के सभी अधूरे काम पूरे हो जाते हैं। 


बुधादित्य योग चतुर्थ भाव में हो तो


ऐसे लोग श्रेष्ठ और विद्वानों की संगती में रहना पसंद करते हैं। जिनकी कुंडली में ये योग होता है उनको मनवांछित सफलता मिलती है लेकिन कई बार वो क़ानूनी पचड़ो में फंस जाते हैं। इन व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान देना होता है। इन्हें विदेश यात्रा, वाहन सुख, घर आदि का सुख भी प्राप्त होता है। इन्हें अपने दोस्तों का हमेशा साथ मिलता है। 


बुधादित्य योग पंचम भाव में हो तो


ऐसे में व्यक्ति के अपनी भाभी और बहन के साथ मतभेद होते हैं। इस योग के व्यक्ति को गुणवान संतान प्राप्त होती है। व्यक्ति कलात्मक क्षेत्र और आध्यात्मिक क्षेत्र में सफतला पाते हैं। इनके धार्मिक यात्रा और अपने क्षेत्र में सफलता के योग बनते हैं। जो व्यक्ति अहंकारी नही होता और जिनके पंचम भाव में बुधादित्य योग होता है   वो सफलता जरुर पाते हैं।

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बुधादित्य योग षष्ठ भाव में हो तो


जिनकी कुंडली में ऐसा योग होता है उन्हें विरोधियो का सामना करना पड़ता है और कई परेशानियाँ भी झेलनी पड़ती है लेकिन वो अपने जीवन की सभी चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास से करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को अपने माता पिता से लाभ मिलता है। पारिवारिक जीवन में समस्या उत्पन्न होती हैं। ऐसे व्यक्ति निवेश करे तो उन्हें लाभ हो सकता है।


बुधादित्य योग सप्तम भाव में हो तो


जिनकी कुण्डी में ऐसा योग हो उनके वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ आती हैं। ऐसे लोग समाजसेवी और स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े होते हैं। इन व्यक्तियों में यौन रोग होने की सम्भावना होती है। व्यक्ति अगर मेडिकल फील्ड में हैं  या रत्नों का व्यापार करते हैं तो उन्हें सफलता मिल सकती है।


अष्टम भाव में बुधादित्य योग हो तो


यदि व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग(Budhaditya Yoga) आठवें भाव में है तब तो ऐसा व्यक्ति दूसरो की मदद करने के चक्कर में खुद कही फंस जाता है। इस भाव में होने के कारण व्यक्ति अच्छा बिज़नस करता है और यदि उसका व्यापार विदेश मुद्रा में होता है तो सफलता अवश्य पाता है। इस योग के चलते व्यक्ति की दुर्घटना हो सकती है और अमाशय में जलन, किडनी प्रॉब्लम या अन्य कोई आंत विकार का शिकार हो सकता है। इन्हें वसीयत के चलते धन लाभ हो सकता है।


बुधादित्य योग नवम भाव में हो तो


ऐसी कुंडली वाले व्यक्ति को जीवन में कई लाभ प्राप्त होते हैं परन्तु अगर व्यक्ति अपने अपने पिता पर पैसे के लिए निर्भर है तो ऐसे योग से उन्हें लाभ नही होगा। भाग्य उदय करने के लिए उन्हें मेहनत करनी होगी। ऐसे लोगो की रूचि धार्मिक कार्यो में होगी। इस योग की वजह से व्यक्ति में कई बार अहंकार आ जाता है।


बुधादित्य योग दशम भाव में हो तो


जिनके कुंडली में ऐसा योग है वो बहुत साहसी, चालाक और संगीत प्रेमी होते हैं। उनको बिज़नस और नौकरी में सफलता मिलती है। अगर व्यक्ति सरकारी नौकरी कर रहे हैं तो उन्हें उच्च पद्द मिल सकता है। यदि व्यक्ति किसी सामाजिक कार्य का हिस्सा बनते हैं तो वो असीम सफलता पा सकता है। इनका धर्म के प्रति लगाव होता है।ऐसे व्यक्तियों को अपनी संतान की चिंता होती है। 


बुधादित्य योग एकादश भाव में हो तो


जिनकी कुंडली में ऐसा योग बन रहा हो उन्हें किसी प्रतिष्ठान से या सरकार से धन मिलने की सम्भावना होती है। ऐसे लोग धनी होते हैं इनका रुझान संगीत और कला की प्रति होता है। ऐसे व्यक्ति दिखने में भी आकर्षक होते हैं। इस योग के चलते व्यक्ति के पास आय का एक स्त्रोत नही बल्कि कई स्त्रोत होते हैं।


बुधादित्य योग (Budhaditya Yoga) द्वादश भाव में हो तो


जिनकी कुंडली में ऐसा योग है उनके पास धन की कमी होने की सम्भावना होती है। ऐसे व्यक्ति के परिवार के साथ सम्पति को लेकर विवाद हो सकता है। ऐसे लोग लालच में आकर आकस्मिक धन लाभ के चक्कर में सब कुछ गवा बैठते हैं। इनके पास अगर धन आता भी है तो टिक नही पाता। इस योग वाले लोग देश नही अपितु विदेश में सफलता पा सकते हैं।

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