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गठिया एक ऐसा रोग है जो एक बार हो जाएगा तो उसे पूरी तरह ठीक कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर के सभी जोड़ और हड्डियों में बहुत दर्द होता है। कई बार तो इतना दर्द होता है की वो बर्दाश्त ही नही हो पाता है। ये बीमारी 50 साल के बाद होती देखी गयी है लेकिन आजकल की गलत और बेकार जीवनशैली के कारण युवा भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इस बीमारी में धीरे धीरे हड्डियाँ घिस जाती है और कोई हल्का सा भी छू ले तो तेज दर्द होता है। आयुर्वेद और घरेलु उपचार यदि इस बीमारी में अपनाए जाए तो इस बीमारी से कुछ हद तक आराम आ सकता है।
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गठिया के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपचार
इस विनिगर में कैल्शियम, मिनरल्स, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस प्रचूर मात्रा में मौजूद होता है। इसके इस्तेमाल से बॉडी के जॉइंट्स में जमा टोक्सिन निकल जाते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए थोडा सा शहद और 1 चम्मच विनिगर को 1 गिलास गर्म पानी में मिलाए और पी ले। इस उपाय से बहुत आराम आएगा।
गठिया के रोगियों के लिए अदरक बहुत फायदेमंद है। इसमें जोड़ो के दर्द को कम करने का गुण है। यदि व्यक्ति रोज 6 चम्मच सोंठ पाउडर, 6 चम्मच काला जीरा पाउडर और 3 चम्मच काली मिर्च पाउडर पानी में मिलाए और उस जगह पर मले जहाँ आर्थराइटिस का दर्द हो रहा है।,आराम आएगा। आप चाहे तो रोज थोडा सा कच्चा अदरक खा सकते हैं। इससे आपकी बॉडी में ब्लड रोटेशन बढ़ जाएगा।गठिया के रोगी को सरसों के तेल को हल्का गर्म करके जोड़ो पर मसाज करना चाहिए। इससे आराम आएगा और ब्लड रोटेशन भी बढेगा। जब सरसों के तेल मसाज कर ले, उसके बाद उस जगह को एक पोलीथिन ढक दें और गर्म तौलिये से सिकाई करे। यदि आपके यूकेलिप्टस का तेल है तो इसे सरसों के तेल में मिलाकर मसाज करे, आराम आएगा। इस उपाय को रातो को सोने से पहले करे, दर्द कम हो जाएगा।हल्दी एंटी बायोटिक है और इसे दर्द निवारक के रूप में भी जाना जाता है। जब भी चोट लगती है तो लोग दूध में मिलाकर पी लेते हैं, इससे उनका दर्द कम हो जाता है। गठिया के रोग में हल्दी वाला दूध बहुत मदद करेगा। यदि आप ऐसे नही पी सकते हैं तो मार्केट में मिल रहे टरमरिक कैप्सूल ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे ये कैप्सूल लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरुर ले।लहसुन भी एंटीबायोटिक होती है जिसे रोज लेने से फायदे होते हैं, शायद इसी कारण इसका प्रयोग हमारी रसोई में कई सालो से किया जा रहा है।यदि सुबह खाली पेट लहसुन की कुछ कलियाँ खाई जाए तो गठिया रोग में आराम आता है। अगर आप ऐसे नही खा सकते तो सब्जियां बनाने में इसका इस्तेमाल करके सेवन करे।यह भी पढ़ें:- वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्सदालचीनी में दर्द दूर करने का गुण होता है और साथ ही एंटी ऑक्सीडेंट भी है। यदि एक चम्मच शहद के साथ 1 चम्मच दालचीनी पाउडर 1 कप गर्म पानी में मिलाकर पिया जाए तो गठिया के दर्द में आराम आएगा। ऐसे नही ले सकते तो दालचीनी पाउडर और शहद का पेस्ट बनाए और मसाज करे।अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका प्रयोग ब्लड रोटेशन के लिए किया जाता है। इस जड़ी बूटी से मल बाहर निकलता है और श्वसन पर भी कण्ट्रोल हो जाता है। इससे जोड़ो की सूजन और दर्द में आराम मिलता है।जोड़ो में दर्द और सुजन को कम करने में जड़ी बूटियां बहुत कारगर होती हैं और इन जड़ी बूटी में से एक जड़ी बूटी है पुनर्नवा। यदि 3 ग्राम पुनर्नवा जड पाउडर लिया जाए तो जोड़ो के दर्द में आराम मिल सकता है। इस पाउडर के लेने से बॉडी से टोक्सिन बाहर निकलते हैं और कब्ज भी दूर हो जाता है। यह जड़ी बूटी में लीवर को टोक्सिन फ्री रखने और साफ़ रखने में मदद करती है। इसके सेवन से व्यक्ति का मेटाबोलिज्म सुधरता है।त्रिफला एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका प्रयोग पाचन को सुधारने के लिए किया जाता है। ये जड़ी बूटी गठिया के रोगी के लिए भी फायदेमंद है। इसे लेने से व्यक्ति के शरीर की सूजन कम हो जाती है और दर्द में भी राहत मिलती है।इस जड़ी बूटी को भी सुजन विरोधी के रूप में जाना जाता है। आयुर्वेद में इस जड़ी बूटी का बहुत इस्तेमाल होता है। ये जड़ी बूटी गठिया रोग में हो रहे दर्द को कम करने और साथ सी सुजन कम करने में भी लाभकारी है। यदि आप भी गठिया से ग्रसित हैं और आप किसी विशेषज्ञ आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करे।सर्वश्रेष्ठ वैदिक विज्ञान संस्थान (एस्ट्रोलोक) से ज्योतिष ऑनलाइन सीखें जहाँ आप विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल से ज्योतिष सीख सकते हैं। इसके अलावा वास्तु पाठ्यक्रम, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम, हस्तरेखा पढ़ना, आयुर्वेदिक ज्योतिष, और बहुत कुछ प्राप्त करें। निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम उपलब्ध है।यह भी पढ़ें:- अवसाद और डिप्रेशन को कंट्रोल करते हैं ये आयुर्वेदिक उपाय