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व्यक्ति की जन्म कुंडली में अगर कोई नक्षत्र दोष है तो व्यक्ति को उसका फल जीवन भर भुगतना पड़ता है, लेकिन यदि दोष को जानकर उसके ज्योतिष अनुसार उपाय किए जाए तो दोष दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को शुभ फल मिलने लगते हैं। कई बार कुंडली में दो ग्रहों का योग बन जाता है। ये संयोग फायदेमंद भी सकता है और नुकसानदायक भी। व्यक्ति की कुंडली में 12 भाव होते हैं और इन भावो में कोई न कोई ग्रह विचरण करता रहता है। ऐसे में यदि किसी कुंडली में चंद्रमा और सूर्य किसी एक भाव में आ जाए तो अमावस्या दोष बन जाता है। आज की पोस्ट में हम आपको अमावस्या दोष क्या और इसे दूर करने के उपाय के बारे में बताने वाले हैं, इसलिए पोस्ट के अंत तक जरुर बने रहे। क्या आप ऑनलाइन सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी की तलाश कर रहे हैं? हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा ज्योतिष परामर्श के लिए अभी संपर्क करें।
अमावस्या दोष क्या है?
जब व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा और सूर्य ग्रह एक भाव में एक साथ बैठे होते हैं तो उससे बनने वाले दोष को अमावस्या दोष कहते हैं। इस दोष को अशुभ माना जाता है क्योकि इस दिन व्यक्ति को चंद्रमा नही दिखता है जिसका अर्थ है चंद्रमा का प्रभाव अंधकार ने बहुत कम कर दिया। ज्योतिष में चंद्रमा को किसी भी व्यक्ति की कुंडली की जान माना जाता है और यदि अमावस्या दोष के कारण चंद्रमा ही अंधकारमय हो जाए तो व्यक्ति पर इसका बहुत असर होता है। सूर्य अग्नि है तो चंद्रमा पानी, सूर्य तेज है तो चंद्रमा शांत, अर्थात दोनों ही अलग अलग तत्व हैं। चंद्रमा जब सूर्य के साथ एक घर में आ जाता है तो उसकी कोई अपनी शंक्ति नही बची रहती।
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अमावस्या के दिन जन्मे जातक का भविष्य
हिन्दू धर्म अनुसार साल के सभी दिन किसी न किसी देव से जुड़े हैं। शास्त्रों में वर्णित हैं कि साले के कुछ दिन शुभ होते हैं तो कुछ दिन अशुभ। अशुभ दिनों में अमावस्या का दिन भी आता है। हिन्दू धर्म में इस दिन को एक श्राप की तरह माना माना गया है। ज्योतिष अनुसार इस दिन जन्मे जातको के जीवन में खुशियां बहुत कम होती हैं और उसका परिवार पर हमेशा ही दुःख का साया बना रहता है। ये दिन शुभ नही होता और ऐसा भी माना जाता है कि अमावस्या पर प्रेत-आत्माएं बहुत सक्रिय होती हैं, इसलिए इस दिन जन्मे लोग को बुरे संकेतो वाले और अशुभ माना जाता है। इस दिन अंधकार होने की वजह से नकारात्मक ऊर्जा बहुत प्रभावी हो जाती है।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में अमावस्या दोष होता है उसे जीवन में कई परेशानियों और बाधाओं का सामना करता पड़ता है।
- व्यक्ति के अपनी माँ के साथ सम्बन्ध ख़राब होने की सम्भावना होती है। उन्हें माँ का प्यार और दुलार नही मिल पाता है।
- इस दिन जन्मे व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त होते हैं।
- ये व्यक्ति हमेशा जीत ही हासिल करते हैं, लेकिन फिर भी इन्हें कभी भी मान सम्मान नही मिलता है। उन्हें लोगो द्वारा अपमानित होने पड़ता है।
- इस दिन जन्मे व्यक्ति अपनी संतान और अपनी पत्नी द्वारा बहुत अपमानित होते हैं।
- घर में हमेशा अशांति का माहोल रहता है।
- व्यक्ति को माँ का आशीर्वाद नही मिल पाता है।
- वो और उसका परिवार परेशानियों से घिरा रहा है।
- व्यक्ति को कई शारीरिक और मंसिर परेशानियाँ होने लगती हैं।
- व्यक्ति की आर्थिक स्थिति डामाडोल हो जाती है।
- व्यक्ति को अपना करियर सेट करने में बहुत दिक्कातो का सामना करता पड़ता है।
- इस दिन जन्मा व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित रहता है।
- हमेशा कंफ्यूज रहता है उसे क्या करना चाहिए और क्या नही।
- इन व्यक्तियों का मन स्थिर नही रहता और मन में अच्छे विचारो की जगह गंदे,नकारात्मक और बुरे विचार आने लगते हैं।
अमावस्या दोष निवारण
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में अमावस्या दोष है तो उन्हें रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए।
- व्यक्ति को चंद्रमा और सूर्य से जुडी कोई चीज दान में देनी चाहिए जैसे लाल और सफ़ेद कपडा, गेहूं, चावल, दूध, खीर आदि।
- भोलेनाथ की मन से और श्रद्धा से आराधना करे। रोज कच्चे दूध में पानी मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करे।
- व्यक्ति को पूर्णिमा का व्रत रखना चाहिए।
- अमावस्या के दिन सफ़ेद चीज दान करे।
- पक्षियों को चावल और दाने डाले।
- व्यक्ति को चंद्रमा मन्त्र का जाप करना चाहिए।
- व्यक्ति को चन्द्रमा का चांदी का लॉकेट बनवाकर पहनना चाहिए।
अमावस्या के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए
- अमावस्या के दिन गेहूं या आटा नही खरीदना चाहिए और न ही किसी से माँगना चाहिए।
- इस दिन भूलकर भी शराब और मांस घर न लेकर आए।
- ये दिन पितरो का होता है और झाड़ू का सम्बन्ध माँ लक्ष्मी से होता है। यदि इस दिन कोई झाड़ू खरीदता है तो लक्ष्मी माँ उनसे नाराज हो जाती हैं।
- पूजा से जुडी चीजे इस दिन नही खरीदनी चाहिए। फल, फूल, अगरबत्ती, कपडे, पूजा थाली आदि सब पहले खरीद ले, अमावस्या के दिन खरीदने से बचे।
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