गुरु पुष्य नक्षत्र: 24 अक्टूबर का विशेष संयोग दीपावली से पहले शुभ कार्यों और खरीदारी के लिए 24 अक्टूबर, गुरुवार को एक अत्यंत शुभ मुहूर्त का निर्माण हो रहा है। इस दिन पुष्य नक्षत्र गुरुवार को पड़ने वाला है, जिसे विशेष रूप से 'गुरु पुष्य' के नाम से जाना जाता है। इसे मिनी धनतेरस भी कहते हैं, क्योंकि यह दिन आर्थिक समृद्धि और खुशहाली के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस दिन खरीदारी करना और कोई नया काम शुरू करना बहुत ही शुभ माना जाता है, क्योंकि गुरुवार और पुष्य नक्षत्र का यह संयोग अपने आप में अत्यंत दुर्लभ है।
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पुष्य नक्षत्र का महत्व: दीपावली से पहले शुभ खरीदारी हर साल दीपावली के लगभग एक हफ्ते पहले पुष्य नक्षत्र आता है, और इस दिन से ही लोग दीपावली की तैयारियां शुरू कर देते हैं। खासतौर पर इस दिन से ही लोग सोना-चांदी, फर्नीचर, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, वाहन, और प्रॉपर्टी की खरीदारी करना शुभ मानते हैं। इतना ही नहीं, इस समय नए व्यापार, निवेश, और किसी नए कार्य की शुरुआत के लिए भी यह समय अत्यधिक शुभ होता है।
इस वर्ष 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र सूर्योदय के साथ शुरू होगा और पूरे दिन रहेगा। इस दौरान महालक्ष्मी योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, पारिजात योग, बुधादित्य योग और पर्वत योग भी बन रहे हैं। इन सभी शुभ योगों के एक साथ बनने से यह दिन एक महामुहूर्त का रूप ले लेता है, जो कई वर्षों में एक बार ही आता है।
शुभ योगों का विशेष प्रभाव: एक दुर्लभ महामुहूर्त इस बार के गुरु पुष्य नक्षत्र में 6 अन्य विशेष योगों का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन को अत्यधिक शुभ बनाता है। महालक्ष्मी योग धन और वैभव का प्रतीक माना जाता है, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग जीवन में सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है। अमृत सिद्धि योग कार्यों में सफलता और समृद्धि लाता है। इसके साथ पारिजात, बुधादित्य और पर्वत योग भी व्यापार, निवेश, और नए कार्यों के लिए अत्यधिक लाभकारी माने जाते हैं। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, इतने सारे शुभ योगों का एक साथ बनना 752 साल बाद हो रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है।
खरीदारी से मिलेगा दीर्घकालिक लाभ: ज्योतिषीय दृष्टिकोण ज्योतिषविदों के अनुसार, इस दिन किए गए निवेश और खरीदारी से दीर्घकालिक लाभ और समृद्धि प्राप्त होगी। इस विशेष समय में सोना-चांदी, बर्तन, कपड़े, फर्नीचर, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और प्रॉपर्टी की खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जाती है। रियल एस्टेट में किया गया निवेश भी भविष्य में अच्छा लाभ दे सकता है। साथ ही, नए बिजनेस सौदों और बड़े अनुबंधों के लिए भी यह दिन अत्यधिक लाभकारी साबित होगा।
इतना ही नहीं, ज्योतिषविद मानते हैं कि इस दिन किए गए निवेश से परिवार में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि का संयोग बनेगा। इसलिए इस समय विशेष रूप से सोना, चांदी और प्रॉपर्टी जैसी स्थायी वस्तुओं में निवेश की सलाह दी जाती है।
पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है और इसके देवता बृहस्पति माने जाते हैं। इस समय शनि और बृहस्पति दोनों ही ग्रह अच्छी स्थिति में हैं, जिससे सोना-चांदी, मशीनरी, और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश के योग बन रहे हैं। इन ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव से इस समय किया गया निवेश भविष्य में अच्छा लाभ दे सकता है।
ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की वर्तमान स्थिति के आधार पर शेयर बाजार में अस्थिरता की संभावना है। हालांकि, इस गिरावट के दौरान निवेश करने से आने वाले समय में बड़ा लाभ प्राप्त हो सकता है। इसलिए, निवेशकों के लिए यह समय अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
पुष्य नक्षत्र का महत्व: शीघ्र सफलता और दोषमुक्त कार्य पुष्य नक्षत्र को विशेष रूप से शुभ और सौभाग्यशाली माना जाता है। इस नक्षत्र में किए गए कार्य दोषमुक्त होते हैं और शीघ्र ही सफल होते हैं। ज्योतिषविद मानते हैं कि इस नक्षत्र के दौरान खोई हुई वस्तुएं भी वापस मिल जाती हैं। गुरुवार और रविवार को पड़ने वाला पुष्य नक्षत्र विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दौरान किए गए निवेश, व्यापारिक निर्णय, और नई शुरुआत दीर्घकालिक सफलता और स्थिरता प्रदान करते हैं।
धन और वैभव का प्रतीक: पुष्य नक्षत्र में खरीदारी और निवेश की परंपरा यह धन, यश, और वैभव का प्रतीक है, इसलिए पुष्य नक्षत्र के दौरान निवेश, संपत्ति और वाहन की खरीदारी अत्यधिक शुभ मानी जाती है। इस नक्षत्र के दौरान सोना खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में स्थिरता का संयोग बनता है।
पुष्य नक्षत्र को शास्त्रों में अमरेज्य भी कहा गया है, जिसका अर्थ है कि यह नक्षत्र जीवन में स्थायित्व और अमरता लाता है। इस समय किए गए कार्य जीवन में स्थायी सफलता और समृद्धि प्रदान करते हैं, इसलिए इस दिन दीर्घकालिक निवेश और स्थायी संपत्तियों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
24 अक्टूबर का गुरु पुष्य नक्षत्र और इसके साथ बनने वाले 6 अन्य शुभ योग, इस दिन को अत्यंत विशेष और शुभ बनाते हैं। ज्योतिषविदों के अनुसार, इतने सारे शुभ योगों का एक साथ बनना एक दुर्लभ अवसर है, जो दीर्घकालिक लाभ, आर्थिक समृद्धि, और जीवन में स्थिरता प्रदान करता है। इस महामुहूर्त में किया गया निवेश और खरीदारी आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और समृद्धि लाने का संयोग बनेगा।
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