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2022 में नाग पंचमी कब है और कैसे कि जाती है नागो की पूजा

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
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2022 में नाग पंचमी कब है और कैसे कि जाती है नागो की पूजा
सनातन धर्म में कई देवी देवताओं की पूजा की जाती हैं और उनमें से एक नाग देवता भी हैं और इनके पूजा का भी बहुत बड़ा महत्व है। क्या आप जानते हैं नाग पंचमी कब है?

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नाग पंचमी सावन महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी को है। हिन्दू  शास्त्रों अनुसार इस दिन शिवजी के परम प्रिय नाग देव की पूजा की जाती है। इस पूजा से व्यक्ति को जीवन के सभी सुख मिलते हैं और साथ ही मनोवांछित फल मिलता है। भारत के उतर भाग में इस दिन गुडी पडवा के रूप में मनाते हैं और कुछ लोग इस दिन पतंगबाजी भी करते है। इस दिन भोलेनाथ के साथ साथ नाग देव को भी सजाया जाता है।

प्राचीन काल से ही नाग देव की पूजा बाकी देवताओं जैसे ही की जाती रही है।  ऐसा माना जाता है की नाग देव  के पूजन से सापो के प्रति डर समाप्त हो जाता है।  इस दिन उन लोगो को विशेष लाभ मिलता है जिनकी  कुंडली में काल सर्प दोष है। 

नाग पंचमी तिथि और मुहूर्त?


सावन का ये पावन महिना 14 july से शुरू होकर 12 अगस्त को खत्म होगा।  इन पूरे समय में भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है। इस समय में शुक्ल पक्ष की पंचमी आती है। इस दिन नाग पंचमी है। 2022 में ये 2 अगस्त के दिन मनाया जाएगा।  

02 अगस्त 2022 के दिन पंचम तिथि प्रात: 5.14 से लेकर 03 अगस्त 2022 के प्रात: 5.42 तक है। 

नाग पंचमी का पूजा मुहूर्त


नाग देव के पूजन का शुभ मुहूर्त 2 को सुबह 5. 42 मिनट से लेकर 8. 24 मिनट तक है। इस दिन मुहूर्त 02 घंटे 41 मिनट समय तक का है। 

नाग पंचमी की पूजन विधि


भोलेनाथ और माता पार्वती के साथ साथ इस दिन नाग देव को भी पूजा जाता है।  कुछ लोग इस पवित्र दिन में पूरा दिन व्रत रखते हैं।  

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पूजन के लिए आवश्यक सामग्री


  • नाग देवता की फोटो या प्रतिमा 

  • पांच तरह के मेवे

  • पांच फल

  • दूध

  • शुद्ध देशी घी 

  • फूल 

  • चांदी 

  • सोना

  • गंगाजल 

  • रत्न

  • दही 

  • दक्षिणा

  • पवित्र जल

  • पूजा के बर्तन

  • शहद

  • कुशासन

  • इत्र

  • पंच रस 

  • रोली 

  • गंध

  • जनेऊ

  • मौली

  • बेलपत्र

  • पांच मिठाई

  • भांग

  • धतूरा

  • गाय का कच्चा दूध

  • मंदार पुष्प

  • कपूर

  • गन्ने का रस

  • दीप

  • धूप

  • मलयागिरी

  • रूई

  • श्रृंगार का सामान

  • चंदन


विधि


  • सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्मों को करने के बाद नहा लें। 

  • अब मंदिर में दिया जगाए। 

  • अब भोलेनाथ के स्वरूप शिवलिंग को जल चढाएं। 

  • अब नागदेव का अभिषेक पूरे मन से करे। 

  • नाग देव को दूध भोग के रूप में अर्पित करे। 

  • भोलेनाथ और माँ पार्वती को भी भोग चढाएँ। 

  • अब नाग देव और शिवजी की आरती गाए। 


व्रत करने वालो के लिए पूजन विधि


  • जो व्रत रखते हैं वो 8 नाग अनन्त, पद्म, वासुकी, तक्षक, महापद्म, कर्कट, कुलीर और शंख नाग की पूजा करते हैं। 

  • जो ये व्रत रखते हैं वो इसे चतुर्थी तिथि से आरंभ कर देते हैं। इस दिन सिर्फ एक बाद भोजन खाया जाता है अर्थात एकासना किया जाता और पंचमी के पूरा दिन भी व्रत चलता हैं और शाम के वक्त एक बार भोजन करते है। 

  • एक साफ़ चौकी ले और उस पर कोई साफ़ स्वच्छ कपडा बिछा दें।  

  • अब नाग देव की फोटो को या प्रतिमा को श्रद्धा से चौकी पर विराजित करे। 

  • अब उन्हें रोली, हल्दी, फूल, चावल अर्पित करे। 

  • अब एक कटोरी में कच्चा दूध डाले और उसमें चीनी और घी डाले और नाग देव को चढ़ाएँ। 

  • अब नाग देव की आरती पूरे मन और श्रद्धा से करे।  पूजन करने के बाद नागदेव की कथा सुने या पढ़े।  ऐसी मान्यता है कि इस दिन दक्षिण दिशा में नाग देव का मुंह करके उन्हें दूध अर्पित करना चाहिए।  


नाग पंचमी का महत्व

सनातन धर्म में नाग को भी देवता के रूप में पूजा जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से भय दूर हो जाता है। इस दिन नाग देव का दूध से अभिषेक होता है जिससे अभिषेक करने वाले को अक्षय पुण्य मिलता है। घर के बाहर इस दिन नाग देव की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है। इससे घर और घरवालो पर नाग देव की कृपा होगी और जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष है उन्हें विशेष लाभ मिलेगा। इस पूजन और व्रत विधि से करने से व्यक्ति को जीवन में सभी सुख और वैभव मिलता है और वो खुशहाल जीवन बिताता है। 

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