सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जिसमें चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक देता है। 29 मार्च 2025 को होने वाला आंशिक सूर्य ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में देखा जाएगा। इस लेख में हम जानेंगे कि यह ग्रहण कब और कहां दिखाई देगा, इसकी वैज्ञानिक व ज्योतिषीय दृष्टि से क्या महत्व है, और इसे सुरक्षित रूप से कैसे देखा जा सकता है।
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच इस तरह आ जाता है कि सूर्य का केवल कुछ हिस्सा ही ढका रहता है, तो इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण से अलग होता है क्योंकि इसमें सूर्य पूरी तरह से नहीं ढकता बल्कि वह चंद्रमा की छाया के कारण अर्धचंद्राकार दिखाई देता है।
यह आंशिक सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को होगा। नासा के अनुसार, ग्रहण का आरंभ भारतीय समयानुसार दोपहर 2:20 बजे होगा, इसका मध्य 4:17 बजे होगा और समाप्ति 6:43 बजे होगी।
दुर्भाग्यवश, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। अमेरिका, कनाडा, ग्रीनलैंड और आइसलैंड में यह अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। भारत में इस दौरान रात का समय होगा, इसलिए इसे प्रत्यक्ष रूप से देख पाना संभव नहीं होगा।
इस ग्रहण का एक खास पहलू "डबल सनराइज़" या दो बार सूर्योदय होने का दृश्य है। कुछ स्थानों पर, सूर्य पहले उगता हुआ दिखेगा, फिर अचानक आंशिक रूप से ढक जाएगा और कुछ समय बाद फिर से पूरा दिखाई देगा। यह दुर्लभ खगोलीय घटना आकाश प्रेमियों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगी।
सूर्य ग्रहण को बिना सुरक्षा उपायों के देखना बेहद खतरनाक हो सकता है। इसे सीधे आंखों से देखने से आंखों की रोशनी स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती है। यदि आप इसे देखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
✔ ISO प्रमाणित सोलर गॉगल्स या फिल्टर का उपयोग करें।
✔ पिनहोल प्रोजेक्टर की मदद से सूर्य की छवि को एक सफेद सतह पर प्रतिबिंबित करें।
✔ टेलीस्कोप या कैमरा का उपयोग करते समय सौर फिल्टर का प्रयोग करें।
ध्यान रखें कि साधारण सनग्लासेस या एक्स-रे शीट्स इस उद्देश्य के लिए सुरक्षित नहीं होते।
ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रहण का गहरा प्रभाव हमारे जीवन और प्रकृति पर पड़ता है। यह ग्रहण मेष राशि में हो रहा है, जो नए आरंभ, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है। ग्रहण के दौरान कुछ लोग आत्मचिंतन और प्रार्थना करना पसंद करते हैं, जबकि अन्य इसे बदलाव और नए अवसरों के संकेत के रूप में देखते हैं।
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✔ इस दिन सकारात्मक विचार रखें और ध्यान करें।
✔ ग्रहण के दौरान भोजन न पकाएं और न ही ग्रहण के प्रभाव में आने वाला भोजन ग्रहण करें।
✔ इस समय पूजा-पाठ और मंत्र जाप करना शुभ माना जाता है।
🚫 ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें।
🚫 किसी भी प्रकार के अंधविश्वासों में न फंसे।
निष्कर्ष
29 मार्च 2025 का आंशिक सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना होगी, हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन विज्ञान और ज्योतिष के दृष्टिकोण से यह एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। ग्रहण के प्रभावों को समझने और अपने जीवन पर इनका सही उपयोग करने के लिए आप Asttrolok से जुड़ सकते हैं और ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
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