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सावन का महिना शुरू हो चूका है और हर जगह भोलेनाथ के जयकारे लगाए जा रहे हैं और उनकी पूजा अर्चना की जा रही है। इस सावन के महीने का हमारे सनातन धर्म में बहुत महत्व है। सालो से इन महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजन, हवन और अभिषेक किया जाता है।
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श्रावण मास क्यों मनाया जाता है?
श्रावण मास अर्थात सावन का महिना अर्थात भोलेनाथ के दिन। इस पूरे महीने में सम्पूर्ण भारत में भोलेनाथ के भक्त उनकी पूजा घर और मंदिर में पूरी श्रधा और भक्ति से करते है। इस महीने में आने वाले सभी सोमवार को भक्त शिवजी का व्रत करते हैं और एकासना करके और उनका दूध अभिषेक करके उनसे अपने और अपने परिवार की मंगलकामना की प्रार्थना करते है।
लड़कियां भी सावन के महीने में व्रत रखती हैं। अपने लिए मनचाहा जीवनसाथी पानी के लिए अनेको अविवाहित लड़कियां व्रत रखती हैं। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि भोलेनाथ की पूजा अर्चना से वो प्रसन्न होते हैं और भक्तो को स्वास्थ्य,सुख शांति, धन दौलत देते हैं और सभी मन की इच्छाएं पूरी करते हैं। इस महीने के दौरान पूजा करना, व्रत करना और दान धर्म करना अति उत्तम माना जाता है। इस महीने में तपस्या करने का भी बहुत महत्व है, क्योकि ये महीने शिवजी को अति प्रिय है।भक्तजन इस पूरे महीने शिवजी के मंदिर जाते हैं, उनके दर्शन करते हैं और उनकी प्रिय वस्तुएं श्रधा के साथ अर्पित करते हैं।
सावन में शिवजी की पूजा क्यों होती है?
शिवजी को सावन का महिना अति प्रिय है। शास्त्रों और पौराणिक कथा में वर्णित हैं कि जब सैंड कुमारों ने भोलेनाथ से ये प्रश्न किया था कि आपको सावन इतना क्यों प्रिय हैं तब उन्होंने बताया था कि राजा प्रजापति दक्ष के घर सति माता ने देह त्यागने से पहले ये प्रण लिया था कि वो हर जन्म में शिवजी को ही अपने पति के रूप में पाएगी। माँ ने पुन: जन्म लिया। इस बार वो हिमालय राज के घर माँ पार्वती रूप में जन्मी। जब माँ पार्वती युवावस्था में आई तब भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए उन्होंने निराहार रहकर बेहद कठोर तप किया और शिवजी को प्रसन्न किया। शिवजी को प्रसन्न करके उन्होंने पुन: उन्हें अपने पति के रूप में पाया। इसी कारण शिवजी को सावन मास अति प्रिय है। सावन का हर दिन भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए अनुकूल और विशिष्ट है।
इस पूरे महीने में सम्पूर्ण वातावरण शिव भक्ति में झुमने लगता है। ऐसा माना जाता है इस महीने में जितनी वर्षा होगी उतनी भोलेनाथ की कृपा होगी। इन महीने आने वाले सभी सोमवारों को वन सोमवार कहते और इस दिन पूजा और व्रत का विशिष्ट महत्व है। इस महीने के मंगलवार का भी महत्व है। इस दिन को मंगला गौरी भी कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योकि माता पार्वती ने मंगल ग्रह को शांत करने हेतु एक विशेष पूजा और व्रत किया था।भोनेलाथ के इस पावन महीने में यदि वास्तु से जुड़े कुछ उपाय किए जाए तो व्यक्ति को कई समस्याओ से छुटकारा मिल जाएगा। आइये जानते हैं कौन सी है वो चीजे जो इस महीने में घर में लाने से घर में सुख समृद्धि बढ़ेगी।
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पारद शिवलिंग सोमवार को स्थापित करे
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार शिवलिंग बहुत खास और पवित्र है। पारद शिवलिंग पारे और चांदी से बनता है। इस शिवलिंग की पूजा पूरे मन और श्रद्धा से करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और हमे उनका आशीर्वाद मिलता है। इसके पूजन से माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस शिवलिंग की पूजा से ग्रह दोष कम होते हैं और शांति प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है पारद शिवलिंग के पूजन से व्यक्ति को कई गुना फायदा होता है और साथ ही व्यक्ति बीमारियों से बचा भी रहता है।
नाग नागिन का जोड़ा
वास्तु अनुसार सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर नाग नागिन का जोड़ा चढ़ाना अति शुभ होता है। नागपंचमी के दिन नाग नागिन का जोड़ा चढ़ाना शुभ होता है। इससे व्यक्ति पर काल सर्प दोष का दुष्प्रभाव कम होता है और उसे शांति मिलती है। पितृ दोष वाले व्यक्तियों को भी नाग नागिन के जोड़े को अर्पित करने से लाभ मिलता है और साथ ही उनके जीवन में सकारात्मकता भी आने लगती है।
चांदी का बेलपत्र
भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाना शुभ होता है। वास्तुशास्त्र अनुसार चांदी का बेलपत्र यदि रोज साफ़ करके भोलेनाथ को अर्पित किया जाए तो व्यक्ति को अपने पापो से मुक्ति मिल जाती है।
गंगा जल
इस महीने में घर में गंगाजल लाए और उसे किचन में रखे। ऐसा करने से घर में सौभाग्य आता है और सुख शांति बनी में वृद्धि होती है।
रुद्राक्ष
रुद्राक्ष शिवजी को प्रिय है। इस महीने यदि रुद्राक्ष मुख्य कमरे में रखा जाए तो शुभ होता है और इससे घर में बरकत आती है और आर्थिक परेशानियां दूर होने लगती है। इससे घर में आय के अन्य स्त्रोत बढने लगते हैं। यदि आप अपने घर के लिए वास्तु टिप्स चाहते हैं तो हमारे एक्सपर्ट और अनुभवी वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञ से संपर्क करे।
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