INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

Guru Purnima 2021: आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा, महत्व व विशेष संयोग

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 326
Guru Purnima 2021: आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा, महत्व व विशेष संयोग

गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का आर्शीवाद केसे पाएं और अपने गुरु की कृपा केसे प्राप्त करे?


किसे कहते हैं गुरु? किसे बनायें गुरु? गुरु पूर्णिमा का महत्व क्या होता है? अगर गुरु नहीं है तो क्या करें ? क्या करें जिससे गुरु पूर्णिमा पर गुरु की कृपा मिल जाये. गुरु की पूर्णिमा ही क्यों होती है, एकादशी क्यों नहीं होती?

जो सम्पूर्ण हो, हर दृष्टिकोण से पूर्ण हो वही गुरु हो सकता है।

 इन सब चीज़ों की पूर्ति पूर्णिमा के दिन होती है इसलिए हम गुरु पूर्णिमा मनाते हैं।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में  मनाया जाता है। आषाढ़ के महीने में एक गुप्त नवरात्री भी आती है, इसी महीने में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा भी होती है। आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन  रूप से चंद्रमा संपूर्ण होता है और चंद्र होता है मन, और बिना मन के गुरु का पूजन हो नहीं सकता, इसलिए गुरु की पूर्णिमा होती है।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन एक और खास बात है.   जो हमारे 18  पुराणों के रचयिता हैं, महर्षी वेद व्यास जी  उनका जन्म भी गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ था। अतः इसको व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है। आषाढ़ के समाप्त होते ही  जब सावन शुरू होता है तो ऋतु परिवर्तन बहुत तेजी से होता है। पुराने ज्योतिष इस दिन वायु का परिक्षण करके गणना  करते थे और जान जाते थे की आने वाले समय में मौसम कैसा रहेगा। गुरु पूर्णिमा वाले दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं।



Get Free Astrology Course

गुरु को आपसे कुछ नहीं चाहिए। यह मत समझो की गुरु की पूजा नहीं करेगें तो गुरु नाराज़ हो जायेगें। ऐसा संभव नहीं है, गुरु कभी नाराज़ नहीं होते और अगर नाराज़ हो भी जाएं तो वह शिष्य को सुधारने के लिए दंड दे सकता है लेकिन हमेशा शिष्य का भला ही चाहता है। गुरु पूर्ण रूप से सकारात्मक ऊर्जा में अच्छाई बुराई से परे होता है। सिर्फ देता है लेकिन शिष्य का दायित्व है कि अपने गुरु का  सम्मान करे, अपने गुरु का आभार व्यक्त करे। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा करते हैं और शिष्य यथा शक्ति दक्षिणा, पुष्प और वस्त्र आदि अपने गुरु को भेंट करता है।

Read Also: ज्योतिष के अनुसार सावन के महीने का महत्व और प्रभाव

सबसे ज्यादा अहम चीज़ जो गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु को दी जाती है वह है शिष्य के अवगुण। शिष्य अपनी सारी बुराइयों को, अपने सारे अवगुण को अपने गुरु को अर्पित कर देता और अपने जिवन का सारा भार अपना अच्छा , अपना बुरा सब कुछ गुरु को दे देता है ताकि गुरु के प्रति समर्पित हो जाए एवम गुरु गोविंद से मिलने का मार्गदर्शन ले । हर गुरु अपने  शिष्य को कुछ नियमों  में रहकर जीना सिखाता है और अनुशासन  में रहना सिखाता है, अगर शिष्य वैसे ही गुरु के बताए नियमों के अनुसार रहने लगे तो उसके जीवन का उद्धार हो जाता है और उसे गुरु की कृपा मिलती है।


गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागु पाए
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए।





  • सही मायने में जो व्यक्ति हमें नया सिखाता है, हमारा मार्गदर्शन करता है वह हमारा गुरु बन जाता है। इसलिए हमें उसका सम्मान करना चाहिए ।


  • गुरु का ज्योतिष में महत्व- गुरु का ज्योतिष में बहुत महत्व है । जन्म कुंडली में गुरु बहुत अच्छा हो उच्च का, स्वराशि , मित्र क्षेत्री हो तो कुंडली में एक गुरु अच्छा होने से कई दोष खत्म हो जाते हैं। कुंडली में एक गुरु अच्छा होने से गुरु सवा लाख दोषों को खत्म कर देता है ।


  • जन्म कुंडली में बारह भाव होते हैं। बारह भावों में से पांच भाव का कारक गुरु होता है । सेकेंड भाव धन का , फिफ्थ भाव संतान का , नाइंथ भाव धर्म और भाग्य का , टेंथ भाव अपने कर्म का और केरियर का, इलेवंथ भाव लाभ और इच्छा पूर्ति का। गुरु कि दो राशियां होती है धनु और मीन राशि । गुरु कि तीन दृष्टि होती है तो अगर गुरु कुंडली में बलवान होने पर पांच भाव जो गुरु के कारक है , दो राशियों ने कवर कर लिया और जहां बैठा है वहा बैठ कर तीन दृष्टि दी है । गुरु बलवान होने पर जन्म कुंडली को पुरा कवर कर लिया जो दोष थे वह भी कमजोर हो जायेगें।


इसलिए गुरु बनाने को बोला जाता है। गुरु की सेवा करने को बोलते है क्योंकि गुरु के आशीर्वाद से अपना जीवन बहुत अच्छा हो जाता है।

ममता अरोरा 

https://www.youtube.com/watch?v=6ex9EaFe5ng&t=8s

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Anubhav Gairola

Anubhav Gairola

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Preeti Tandon

Preeti Tandon

Astrology Hindi, English, Marathi Exp: 5+ Year
Rajat Wadhwa

Rajat Wadhwa

Astrology Hindi, English Exp: 6 Years
Baneshwar Pai

Baneshwar Pai

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Ruchira agrwal

Ruchira agrwal

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Mukesh Yadav

Mukesh Yadav

Astrology Hindi, English Exp: 10+ Year
Vanya Ojha

Vanya Ojha

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Dr. Sagar Patwardhan

Dr. Sagar Patwardhan

Palmistry Expert

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.