इसके पहले हम राहु के सूर्य के साथ योग व राहु के चंद्रमा के साथ योग से जातक पर पड़ने वाले प्रभावों को विस्तार से जान चुके हैं । उसी कड़ी में आज हम जानने वाले हैं कि जन्म कुंडली में मंगल राहु की युति होने से जातक पर क्या प्रभाव पड़ता है?
सामान्यतः राहु की युति को अशुभ फल प्रदान करने वाला ही माना जाता है । इसके पहले के दो लेखों में भी हम यह देख चुके हैं कि राहु की युति जातक के लिए थोड़ी ही सही किन्तु अशुभ सिद्ध अवश्य होती है । आज के लेख में हम जानेंगे कि मंगल राहु के योग से सभी राशियों के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है ?
मंगल उत्साह ,पौरुष व पराक्रम का कारक ग्रह है । राहु छाया व भ्रम का कारक ग्रह है । राहु के साथ योग होने पर यह अंगारक नामक योग बनाता है। जन्म कुंडली में मंगल राहु युति के समस्त प्रभावों के विश्लेषण के लिए कुंडली के उस भाव की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है जिसमें यह युति बन रही हो । इसलिए राजयोग का अर्थ यह नहीं होता है कि जातक राजा ही बन जाएगा , ठीक इसी प्रकार दुर्योग का यह आशय नहीं समझना चाहिए कि अब जातक के जीवन में सब कुछ बुरा ही बुरा होने वाला है ।
कई बार दुर्योग जातक के जीवन से जुड़े हुए किसी एक पक्ष को नुकसान पहुंचाता है तो कई बात ऐसा भी होता है कि किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ जाए तो दुर्योग का प्रभाव लगभग ना के बराबर हो जाता है ।
मंगल राहु की युति होने से जो सामान्य प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर देखने को मिलता है वो यह है कि मंगल राहु के योग से जातक के अंदर क्रोध भाव अत्यधिक बढ़ जाता है । ऐसा जातक शांत या स्थिर नहीं रह पाता है । जाहिर सी बात है जो व्यक्ति अत्यंत क्रोध करने वाला होगा , स्वयं पर नियंत्रण कैसे रख पाएगा ? बगैर स्वनियंत्रण के सफल होना बहुत मुश्किल होता है ।
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