INR (₹)
India Rupee
$
United States Dollar

शनिदेव को तेल चढ़ाने का कारण, महत्व एवं सही तरीका क्या है? जानें।

Created by Asttrolok in Astrology 30 Aug 2023
Share
Views: 766
शनिदेव को तेल चढ़ाने का कारण, महत्व एवं सही तरीका क्या है? जानें।
धार्मिक कथाओं की मान्यताओं के अनुसार शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है। शनिदेव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनिदेव की जिन पर कृपा होती है वह व्यक्ति का का जीवन संवर जाता है। वही जिनकी राशि में शनिदेव साढ़े साती या ढैय्या की स्थिति में होते है, उन्हें जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए उन्हें कठोर परिश्रम करना पड़ता है। ऐसे में शनिदेव की कृपा पाने के लिए प्रत्येक शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाया जाता है। इस लेख में जानें की शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है।

क्या आप ऑनलाइन सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी की तलाश कर रहे हैं? हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा ज्योतिष परामर्श के लिए अभी संपर्क करें।


जानें शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा कैसे शुरू हुई?
रामायण काल में एक समय शनिदेव को अपने बल और पराक्रम पर घमंड हो गया था। उस काल में हनुमान जी के बल और पराक्रम की कीर्ति चारों दिशाओं में फैली हुई थी। जब शनिदेव को हनुमान जी के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई तो शनिदेव हनुमान जी से युद्ध करने के लिए निकल पड़े। उस समय हनुमान जी सीता माता की खोज के लिए बनाए गए रामसेतु पर अपने स्वामी श्रीराम की भक्ति में लीन बैठे थे, तभी वहां शनिदेव आए और उन्होंने हनुमान जी को युद्ध का आवाहन दिया।

युद्ध का आवाहन सुनकर हनुमानजी ने शनिदेव से कहा के वे अभी अपने आराध्य श्री राम की साधना कर रहे है। आप इसमें विघ्न ना करें।लेकिन शनिदेव ने हनुमान जी का कहा नहीं माने और पुनः युद्ध का आवाहन देने लगे। इस प्रकार हनुमान जी भी युद्ध के लिए विवश हो गए। फिर दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ। हनुमानजी ने शनिदेव को अपनी पूंछ से जकड़ लिया। शनिदेव अत्यंत शक्ति प्रदर्शन के बाद भी अपने आप को हनुमान जी की पकड़ से छुड़ा नहीं पाए। हनुमान जी ने फिर राम सेतु पर परिक्रमा करते हुए, शनिदेव को पटकना शुरू कर दिया। पत्थरों की मार से शनिदेव लहूलुहान हो गए। और इस प्रकार हनुमान जी ने शनिदेव को परास्त कर दिया।

हनुमान जी द्वारा किए गए प्रहारों से शनिदेव के पूरे शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी। इस पीड़ा को दूर करने के लिए हनुमानजी ने शनिदेव को तेल दिया। इस तेल को लगाते ही शनिदेव की समस्त पीड़ा दूर हो गई। तभी से शनिदेव को तेल चढाने की परंपरा आरम्भ हुई। इसीलिए ऐसी मान्यता है की शनिदेव को तेल चढ़ाने से उनकी पीड़ा शांत हो जाती हैं और वे प्रसन्न हो जाते हैं। शनिदेव पर जो भी व्यक्ति तेल चढाता है, उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और धन प्राप्ति के कार्य आसान हो जाते है। 


यह भी पढ़ें:- जन्मकुंडली में सभी ग्रहों की दृष्टि का फल !

शनिदेव को तेल चढ़ाने की विधि
शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाना उत्तम होता है। शनिदेव की प्रतिमा को तेल चढ़ाने से पहले तेल में अपना चेहरा अवश्य देखें। ऐसा करने पर शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। धन व स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है। तेल चढ़ाते वक्त  का ध्यान रखें की आप शनिदेव के सामने ना खड़े हो। ऐसे जगह पर खड़े हो कर तेल चढ़ाए कि शनि देव की सीढ़ी दृष्टि आप पर ना पड़े। 


शनिदेव पर तेल चढ़ाने की वैज्ञानिक मान्यता
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे शरीर के सभी अंगों में अलग-अलग ग्रहों का वास होता है। हमारे शरीर के प्रत्येक अंग के कारक ग्रह अलग-अलग हैं। शनिदेव त्वचा, दांत, कान, हड्डियां और घुटनों के कारक ग्रह हैं। यदि आपकी कुंडली में शनि अशुभ हो तो आपको इन अंगों से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन अंगों की विशेष देखभाल के लिए हर शनिवार को सरसों के तेल मालिश करने से आपको फायदा होगा। 


शनिदेव की साढ़ेसाती 2022 की जानकारी
इस साल कई ग्रह राशि गोचर करने वाले हैं। आपको बता दें कि कर्मफल दाता शनि देव भी 29 अप्रैल 2022 को अपनी स्वराशि कुंभ में गोचर करने वाले हैं। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही धनु राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी एवं इनका अच्छा वक्त शुरू हो जाएगा। करियर में इन्हें खूब तरक्की मिलेगी साथ ही रुके हुए सभी कार्य पूरे होने लगेंगे। लेकिन 12 जुलाई2022 से शनि वक्री अवस्था में फिर से मकर राशि में गोचर करने लगेंगे और 17 जनवरी 2023 तक इस राशि में रहेंगे। इस अवधि में धनु राशि वाले जातकों पर फिर से शनिदेव की वक्रीदशा का प्रभाव पड़ेगा। धनु राशि वालों को शनिदेव के प्रकोप से पूर्ण मुक्ति 17 जनवरी 2023 को मिलेगी। 


शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपाय
जिन राशियों पर वर्तमान शनिदेव की साढ़ेसाती, ढैय्या या वक्री भाव का प्रभाव चल रहा है वे लोग शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए निम्न उपाय करें। 


  • प्रत्येक शनिवार को शनिदेव के लिए व्रत रखें।

  • प्रत्येक शनिवार को काले वस्त्र पहनें।

  • प्रत्येक शनिवार को शनिदेव को सरसों का तेल एवं काली तिल चढ़ाएं।

  • प्रत्येक शनिवार शनिदेव के मंदिर अवश्य जाएं एवं वहां गरीबों को यथाशक्ति दान अवश्य करें।

  • गाय को चारा खिलाएं।

  • हनुमान जी के आराधना करने से भी आपको शनिदेव के प्रकोप से बचने में बहुत लाभ मिलेगा। शनिदेव हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते।
     


निष्कर्ष

शनिदेव सबसे बलवान है। वे कर्मफल प्रदाता भी है। आपके अच्छे-बुरे कर्मों का शनिदेव न्यायपूर्वक फल देते है। इसलिए सभी को शनिदेव को प्रसन्न करना चाहिए। अगर आपकी कुंडली में शनिदेव मजबूत स्थिति में हैं, तो आपके जीवन में स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियाँ नहीं होंगी। आपके सारे काम सफल होंगे।

ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम सीखें। वैदिक ज्योतिष संस्थान (एस्ट्रोलोक) सर्वश्रेष्ठ ज्योतिष पाठ्यक्रम ऑनलाइन प्रदान करता है, जहां आप चिकित्सा ज्योतिष, हस्तरेखा पाठ्यक्रम, अंकशास्त्र पाठ्यक्रम जैसे अन्य पाठ्यक्रम पा सकते हैं। मुफ़्त ऑनलाइन ज्योतिष पाठ्यक्रम के लिए आज ही शामिल हों और चरण दर चरण सीखना शुरू करें। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल आपको एक पेशेवर ज्योतिषी बनने के लिए मार्गदर्शन करेंगे। ज्योतिष कक्षाओं में ऑनलाइन नामांकन करें।



यह भी पढ़ें:- जानें किन राशियों के जातक जन्म से भाग्यशाली होते है?

Comments (0)

Asttrolok

Asttrolok

Admin

Consultants

Rajat Wadhwa

Rajat Wadhwa

Astrology Hindi, English Exp: 6 Years
Kunal

Kunal

Astrology Hindi, English Exp: 3+ Year
Lavina Jhunjhunwala

Lavina Jhunjhunwala

Astrology Hindi, English Exp: 4+ Year
Yogesh Deshpande

Yogesh Deshpande

Panchang & Muhurat Expert
Manoj Kar

Manoj Kar

Astrology Hindi, English,Odia Exp: 4+ Year
Ruchira agrwal

Ruchira agrwal

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year
Mukesh Yadav

Mukesh Yadav

Astrology Hindi, English Exp: 10+ Year
Shrikant Trivedi

Shrikant Trivedi

Astrology Hindi, English Exp: 5+ Year

Share

Share this post with others

GDPR

When you visit any of our websites, it may store or retrieve information on your browser, mostly in the form of cookies. This information might be about you, your preferences or your device and is mostly used to make the site work as you expect it to. The information does not usually directly identify you, but it can give you a more personalized web experience. Because we respect your right to privacy, you can choose not to allow some types of cookies. Click on the different category headings to find out more and manage your preferences. Please note, that blocking some types of cookies may impact your experience of the site and the services we are able to offer.