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ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में पितृ दोष पाया जाना बहुत गंभीर मामला माना जाता है। शास्त्र अनुसार यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष है तो वो जीवन भर ढेर सारी समस्याओं से घिरा रहता है। कुंडली में पितृ दोष को कम या दूर किया जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ उपाय अपनाने होंगे। ज्योतिष शास्त्र अनुसार कुंडली में नवग्रहों की वजह से व्यक्ति के जीवन में कई कष्ट आते रहते हैं। इसी तरह पितृ दोष भी बहुत अशुभ होता है। ये दुर्भाग्य का संकेत है।
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पितृ दोष क्या होता है?
हिन्दू धर्म के शास्त्रों अनुसार पितृ दोष हमारे पूर्वजो अर्थात पितरो से सम्बंधित होता है। शास्त्र अनुसार यदि हमारे किसी पूर्वज ने गलत तरीके से धन जमा किया हो या अपने जीवन काल में कई गलत और अशुभ काम किए हों तो उसका दुष्परिणाम उनकी आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ता है। व्यक्ति यदि अपने पूर्वजो को कोसता या पितरो के लिए कुछ जरुरी कार्य नही करता है तो उसके पूर्वज उससे गुस्सा हो जाते हैं और क्रोध में आकर व्यक्ति को दरिद्रता, दुःख और दुर्भाग्य का श्राप दे देते हैं।
यदि व्यक्ति अपने पितरों को खुश करने के लिए पूरे मन से और विधि विधान से तर्पण, श्राद्ध आदि करते हैं तो उन्हें अपने पितरो का आशीर्वाद मिलता है। उनकी पूजा से वो खुश हो जाते हैं और उनके प्रेम से तृप्त होकर उन्हें सौभाग्य और सुख समृधि का आशीर्वाद देते हैं। यदि किसी की कुंडली में पितृदोष है तो उसे दूर किया जा सकता है।
पितृदोष दूर करने के उपाय
- भोलेनाथ को ताम्बे का बना सांप पूरे विधि विधान से और अनुष्ठान करके चढ़ाएं।
- घर में पारद शिवलिंग की पूर्ण शुद्धि और विधि विधान से प्रतिष्ठा करवाएं।
- चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दिन व्यक्ति को सात अनाज दान करने चाहिए।
- व्यक्ति को कालसर्प योग यंत्र की श्रधापुर्वक प्रतिष्ठा करके पूजन करना चाहिए।
- इस दोष से बचने के लिए अपने घर की दक्षिणी दिशा में अपने प्रिय पितरो की तस्वीर लगा दें।
- भोलेनाथ से आशीर्वाद पाने के लिए हर सोमवार को दिल से और श्रधा से स्मरण करते हुए ॐ हर-हर महादेव’ करे और उनका दही से अभिषेक करे।
- पितरो को शांत करने और उनके प्रसन्न करने के लिए उनके घर में धूप-दीप जगाए और ‘ॐ पितृय: नम:’ मंत्र का मन से जप करे।
- ज्योतिष अनुसार इस दोष से मुक्ति के लिए ‘सर्प सूक्त’ का पाठ करने से उत्तम परिणाम मिलते हैं।
- रोज भोलेनाथ का स्मरण करने ॐ नमः शिवाय का मन्त्र बोलकर माला जपे और नाग पंचमी के दिन व्रत रखे और नाग प्रतिमा बनी चांदी की अंगूठी पहनें।।
- बरगद और पीपल के वृक्ष को बहुत पवित्र माना गया है। श्राद्ध के दिनों में रोज बरगद और पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाए और अक्षत, फूल और काले तिल चढ़ाकर उनकी पूजा करे। पूजा करने के बाद अपने पितरों से मन से अपनी सभी गलतियों के लिए मांफी मांगे।
- पितृदोष दूर करने के लिए श्राद्ध तिथि के हिसाब से पित्तरो को पंचबली भोग अर्पित करे। ये भोग गाय, देव, कुत्ता, कौआ और चींटी के नाम का होता है।
- यदि श्राद्ध के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक कौए को खाना खिलाया जा तो इससे व्यक्ति को पुण्य मिलता है। शास्त्रों अनुसार श्राद्ध के दौरान हमारे पितर कौवे का रूप धारण करके हमारे पास आते हैं। इस उपाय से पितृ दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
- श्राद्ध के दिनों में रोज सुबह शाम कपूर जगाना चाहिए और घी में गुड मिलाकर धूप देनी चाहिए।
- इन दिनों रोज गाय, कुत्ता, चिडियों, कौवो और चीटियों को खाना खिलाएं। इससे पितृदोष कम हो जाएगा।
- शास्त्रों अनुसार श्राद्ध के दिनों में अपने पितरों की श्राद्ध तिथि वाले दिन में किसी जरूरतमंद को या ब्राह्मण को यदि भोजन करवाया जाए तो ये बहुत शुभ होता है। यदि आप ये भोजन स्वयं अपने हाथो से बनाए तो उसका फल और ज्यादा मिलता है। जरूरतमंद या ब्राह्मण को सम्मान के साथ भोजन करवाने के बाद उन्हें दक्षिणा दें।
- यदि व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है तो उसे अपने सभी पूर्वजो की तस्वीरो को सम्मान के साथ दक्षिण दिशा में लगा ले। जब भी घर से बाहर किसी महत्वपूर्ण काम के लिए जाए तो अपने पूर्वजो को प्रणाम करके उनसे आशीर्वाद लेते जाए। इससे उनका आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहेगा और आपका जीवन सुखमय होगा
यदि आप भी जीवन में कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो हो सकता है ये पितृ दोष के कारण हो और यदि ऐसा है तो उसे दूर करना या उसके प्रभाव को कम करना अति आवश्यक है। इसके लिए आपकी किसी अनुभवी ज्योतिष से संपर्क करना चाहिए और अपनी कुंडली दिखा लेनी चाहिए। यदि आप किसी अनुभवी ज्योतिष को नही जानते हैं तो हमारे अनुभवी ज्योतिष से संपर्क करे।
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