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सनातन धर्म में माता के शक्तिपीठ का बहुत महत्व है. हमारे धर्म ग्रंथो में माता के शक्ति पीठ का वर्णन है। पुराणो के अनुसार जहाँ जहाँ माँ सती के अंग, वस्त्र, जेवर गिरे थे वहां वहां माँ के शक्तिपीठ स्थापित हो गए थे। आज की पोस्ट में हम आपको माता के उनके 51 शक्तिपीठो के बारे में बताने वाले हैं, इसलिए पोस्ट के अंत तक बने रहे।
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51 शक्तिपीठ के नाम और स्थान
- पार्वती पीठ -कश्मीर
माँ के इस धाम में उनके कंठ आभूषण गिरे थे.
- श्री पर्वत शक्ति पीठ - लेह, लद्दाखइस धाम में माँ सती का दक्षिण तल्प गिरा था।
- विशालाक्षी शक्तिपीठ- वाराणसीइस स्थान पर माँ सती की दाहिनी मणिकर्णिका गिरी थी।
- कात्यायनी शक्ति पीठ- उत्तरप्रदेशइस पावन धाम में माँ सती के बाल गिरे थे।
- ललिता देवी शक्तिपीठ - प्रयागराजमाँ सती की हस्तांगुलिका यहाँ पर गिरी थी।
- पंच सागर शक्तिपीठ – वाराणसी, उत्तरप्रदेशयहाँ पर सती माँ के नीचे के दांत गिरे थे।
- गायत्री शक्तिपीठ - पुष्कर, अजमेर, राजस्थानइस स्थान पर माँ सती के मणिबंध गिरे थे।
- श्री अम्बिका शक्तिपीठ– विराटनगर, भरतपुर, राजस्थानमाँ सती के बाएँ पैर की उँगलियाँ इस पवित्र स्थान पर गिरी थी।
- श्री गढ़कालिका शक्ति पीठ– उज्जैन , मध्य प्रदेशइस शक्तिपीठ में माँ सती का ऊपरी होंठ गिरा था।
- श्री शारदा माता शक्ति पीठ– मैहर, मध्यप्रदेशमाँ सती का दाहिना स्तन इसी स्थान पर गिरा था।
- माँ हरसिद्धी शक्ति पीठ– उज्जैन, मध्यप्रदेशमाँ सती की कोहनी इसी पावन धाम में गिरी थी।
- शोणदेश शक्तिपीठ– अमरकंटक, मध्य प्रदेशमाँ सती का दाहिना नितम्ब यहाँ पर गिरा था।
- कालमाधव शक्तिपीठ– अमरकंटक, मध्यप्रदेशमाँ सती का बायाँ नितम्ब इसी स्थान पर गिरा था।
- कालीघाट शक्तिपीठ– कोलकत्तामाँ सती के दाएं पैर की चार उँगलियाँ इसी पावन धाम में गिरी थी।
- भूतधात्री शक्तिपीठ– क्षीरग्राम, पश्चिम बंगालमाँ सती के दाएं पैर का अंगूठा यही गिरा था।
- भ्रामरी शक्तिपीठ– बोदागंज, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगालमाँ सती का बायाँ पैर इसी शक्तिपीठ पर गिरा था।
- श्री बहुला शक्तिपीठ– केतुग्राम, पश्चिम बंगालमाँ सती का बायां हाथ यहीं इसी जगह पर गिरा था।
- श्री वकरेश्वर – महिषमर्दिनी शक्तिपीठ– वक्रेश्वर, पश्चिम बंगालमाँ सती का मन इसी शक्तिपीठ पर गिरा था।
- नलहाटी शक्तिपीठ – रामपुरहट, बीरभूम जिला, पश्चिम बंगालमाँ सती की उदरनली इसी शक्तिपीठ में गिरी थी।
- नंदिनी शक्तिपीठ– सैंथिया, पश्चिम बंगालमाँ सती का कंठ हार यहीं गिरा था।
- अट्टहास शक्तिपीठ– लाबपुर, पश्चिम बंगालमाँ सती का निचला होंठ इसी धाम पर गिरा था।
- किरीट शक्तिपीठ –किरीटकोना गाँव, जिला मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगालमाँ सती का मुकुट इसी शक्तिपीठ में गिरा था.
- विमाष शक्तिपीठ – तामलुक, मिदनापुर जिला, पश्चिम बंगालसती माँ का बायाँ टखना यहीं गिरा था।
- शुचींद्रम नारायणी शक्तिपीठ– शुचीन्द्रम, कन्याकुमारी, तमिलनाडुसती माँ के ऊपर के दांत इसी स्थान पर गिरे थे।
- रत्नावली शक्तिपीठ– चेन्नई, तमिलनाडुमाँ सती का दाहिना कन्धा यहीं इसी पवित्र धाम में गिरा था।
- कण्यकाश्रम शक्ति पीठ– कन्याकुमारी, तमिलनाडुमाँ सती का पृष्ट भाग यहीं गिरा था।
- कांची शक्ति पीठ– तमिलनाडुमाँ सती का कंकाल गिरा था।
- मिथिला शक्तिपीठ– दरभंगा, बिहारयहाँ माँ बायाँ कन्धा गिरा था
- मगध शक्तिपीठ– पटना, बिहारयहाँ माँ सती की दाहिनी जंघा गिरी थी।
- हार्द/ हृदय शक्तिपीठ– दरभंगा, बिहारमाँ सती का हृदय गिरा था।
- श्री आरासूरी अम्बाजी मंदिर शक्ति पीठ– गिरनार पर्वत, गुजरात
माँ सती का उदर भाग गिरा था।
- गोदावरी तट शक्तिपीठ-– राजमुंदरी, आंध्रप्रदेशमाँ सती का बायाँ गाल गिरा था।
- श्री भ्रमराम्बा शक्तिपीठ - कुर्नूल, आंध्र प्रदेशमाँ सती की गर्दन गिरी थी।
- करवीर शक्ति पीठ– कोल्हापुर, महाराष्ट्रमाँ सती के 3 नेत्र गिरे थे।
- जनस्थान शक्ति पीठ– नासिक, महाराष्ट्रमाँ सती की ठुड्डी गिरी थी।
- जालंधर शक्ति पीठ– जालंधर, पंजाबमाँ सती का वामस्तन गिरा था।
- उत्कल शक्तिपीठ– याजपुर क्षेत्र, उड़ीसामाँ सती की नाभि गिरी थी।
- ज्वालामुखी शक्तिपीठ– कांगड़ा जनपद, हिमाचल प्रदेशमाँ सती की जीभ गिरी थी।
- कामरूप शक्तिपीठ– गुवाहाटी, असममाँ सती का योनीभाग गिरा था।
- जयंती शक्तिपीठ– जयंतिया, मेघालयमाँ सती की वाम जंघा गिरी थी।
- त्रिपुर सुन्दरी शक्तिपीठ– राधाकिशोरपुर ग्राम, त्रिपुरामाँ सती का दाहिना पैर गिरा था।
- देवीकूप शक्तिपीठ– कुरुक्षेत्र हरियाणामाँ सती का दायाँ टखना गिरा था।
- श्री यशोरेश्वरी काली मंदिर– ईश्वरीपुर, बांग्लादेशमाँ सती की हथेली गिरी थी।
- श्री चट्टल – भवानी शक्ति पीठ– सीता कुण्ड बांग्लादेशमाँ सती का दाहिना हाथ गिरा था।
- करतोयातट – अपर्णा शक्तिपीठ– भवानीपुर, बांग्लादेश
माँ सती का बायाँ तल्प गिरा था।
- श्री सुगंधा शक्तिपीठ– शिकारपुर, बरिसाल जिला, बांग्लादेशमाँ सती की नासिका गिरी थी।
- गण्डकी शक्ति पीठ– गण्डकी, नेपालमाँ सती की कनपटी गिरी था।
- गुह्येश्वरी शक्ति पीठ– काठमांडू, नेपालमाँ सती के दोनों घुटने गिरे थे।
- हिंगलाज शक्तिपीठ– बलूचिस्तान, पाकिस्तानमाँ सती का मस्तक गिरा था।
- लंका शक्ति पीठ– श्रीलंकामाँ सती की पायल गिरी थी।
- मानस शक्तिपीठ– मानसरोवर, तिब्बतमाँ सती की हथेली गिरी थी।
जीवन में एक बार तो माँ के किसी एक शक्तिपीठ के दर्शन जरुर करने चाहिए।
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