Views: 549
मानसिक रोग आज की पीढ़ी के लिए सबसे बड़ी समस्या है । मानसिक स्वास्थ का विषय पिछले कुछ सालों से चर्चा में आया है और अब लगातार चर्चा में है । पहले के समय में मानसिक स्वास्थ को कम लोग ही महत्व देते थे किन्तु आज के समय में मानसिक स्वास्थ को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा हुई है और लोग इस विषय पर खुल कर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं । आयुर्वेद में मानसिक स्वास्थ पर काफी कुछ लिखा गया है । आज हम आयुर्वेद के अनुसार यह जानने वाले हैं कि मानसिक स्वास्थ बिगड़ने के प्रमुख कारण कौन से होते हैं और अपने मन को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद के अनुसार क्या क्या उपाय किये जा सकते हैं ?
क्या आप जानते हैं कि आप मानसिक बीमारी से क्यों पीड़ित हैं? क्या आप जानते हैं कि आप उचित मानसिक उपचार क्यों नहीं कर पा रहे हैं? हमारे आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लें और अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करें।
ज्योतिष सीखना चाहते हैं? अपने घर के आराम से ज्योतिष सीखें और राशि चक्र के रहस्यों की खोज करें। वैदिक ज्योतिष संस्थान ज्योतिष, वास्तु, अंक ज्योतिष, हस्तरेखा पढ़ने और चिकित्सा ज्योतिष के बारे में जानने के लिए सबसे अच्छी जगह है। आप मुफ्त ज्योतिष पाठ्यक्रम के साथ ऑनलाइन सीखना शुरू कर सकते हैं। इन पाठ्यक्रमों को विश्वविख्यात ज्योतिषी श्री आलोक खंडेलवाल द्वारा पढ़ाया जाएगा। जिसमें सर्वोत्तम ज्योतिष, ग्रहों की स्थिति और बहुत कुछ पर ध्यान केंद्रित किया गया है! उच्च ज्योतिष पाठ्यक्रम सीखने के लिए आप यहां नामांकन कर सकते हैं।
मानसिक रोग के प्रमुख कारण -
आयुर्वेद के अनुसार मानसिक स्वास्थ बिगड़ने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं -
- आयुर्वेद में मानसिक रोगों के पीछे सबसे बड़ी वजह व्यक्ति के खान पान को बताया गया है । खान पान बिगड़ने से ही व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ बिगड़ जाता है । रासायनिक, बेमेल व अपोषक पदार्थों का सेवन करना सबसे प्रमुख कारण है । जब हम सिर्फ स्वाद को ध्यान रख कर बेमेल पदार्थों का सेवन करने लगते हैं तो मानसिक अशान्ति उत्पन्न होती है । जैसे अंडे के साथ दूध का सेवन करना , गुड़ के साथ दूध का सेवन करना , दाल के साथ दही का सेवन , ये सब विरुद्ध भोजन का उदाहरण है ।
- मानसिक रोगों के पीछे दूसरा प्रमुख कारण है - बासी भोजन का सेवन करना । शास्त्रों के अनुसार 3 घंटे से अधिक समय तक रखे हुए अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए । ऐसे अन्न में तामसिक प्रवृत्ति पाई जाती है । शरीर में तामसिक प्रवृत्ति होने से अवसाद में बढ़ोत्तरी होती है व व्यक्ति की एकाग्रता भंग होती है। इसके अलावा शरीर में आलस्य बना रहता है ।
- पहले से बने हुए भोजन को दोबारा गरम करके खाने से भी मानसिक स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है । आजकल बाजार में पैक भोज्य पदार्थ बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं । लोग इनका भरपूर इस्तेमाल भी करते हैं । लेकिन इस तरह के पदार्थ मानसिक स्वास्थ के लिए हानिकारक होते हैं ।
- अपने से बड़े व सम्मानीय लोगों का अपमान करने से भी मानसिक स्वास्थ खराब होता है । ऐसा करने से हमारे अंदर नकारात्मक भावनाओं का संचार होता है जो हमारे मन की शांति के लिए नुकसानदेह साबित होती हैं । इसके अलावा अगर व्यक्ति के जीवन में कोई आकस्मिक दुर्घटना घटती है तो इससे भी मानसिक स्वास्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है ।
यह भी पढ़ें:- सभी रोगों में काम आने वाले औषधीय पौधे के बारे में जानिए !
मानसिक रोग के समाधान -
मानसिक रोग के लिए आयुर्वेद में बेहद सरल व प्रभावी उपाय बताए गए हैं ,जो निम्नलिखित हैं -
- अपने खान पान का विशेष ध्यान रखें । किसी भी तरह के विरुद्ध पदार्थों का सेवन ना करें । बासी भोजन का सेवन भूल से भी ना करें । इसके अलावा अपने शरीर की प्रकृति के अनुसार ही भोजन ग्रहण करें । शरीर की प्रकृति वात , पित्त व कफ तीन प्रकार की होती है । इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारी पिछले लेखों में उपलब्ध है ।
- अपने आचरण व व्यवहार पर नियंत्रण रखें । भूल से भी किसी का अपमान ना करें क्योंकि अंतोगत्वा ये आपको ही परेशान करेगा । इसके लिए प्रतिदिन योग व ध्यान अवश्य करें । इससे आपको मानसिक रूप से मजबूती मिलेगी ।
निष्कर्ष -
आज हमने आयुर्वेद के अनुसार मानसिक रोगों के पीछे प्रमुख कारणों को विस्तार से जाना । साथ ही मानसिक स्वास्थ को बेहतर रखने के लिए आयुर्वेद में बताए गए कुछ बहुत सरल से उपायों पर दृष्टि डाली । मानसिक स्वास्थ के लिए आयुर्वेद के यह उपाय आपके लिए लाभप्रद सिद्ध होंगे ।यह भी पढ़ें:- आयुर्वेद की मदद से अपने मन को जानें !